चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस को संबोधित करते हुए “चंडीगढ़ की आवाज” के चेयरमैन अविनाश सिंह शर्मा एवं महामंत्री कमल किशोर शर्मा ने प्रेस को बताया कि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के 2010 में हुए 52 तरह के नीड बेस चेंज आदेश को चंडीगढ़ के प्रशासक, चंडीगढ़ प्रशासन, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड मे अगर पावर है तो कानूनी वापस लेकर दिखा दे । चंडीगढ़ की आवाज 5,00,000 लाख रूपए का इनाम देने को तैयार है । यह आजाद भारत है आज भी भारत में कानून और संविधान की चलतीं है । संविधान के साथ खिलवाड़ शोभा नहीं देता है । चंडीगढ़ के प्रशासक अपने दायित्वों को भूल रहे हैं । संविधान की रक्षा एवं प्रशासन की तानाशाही से चंडीगढ़ की जनता को बचाने के लिए राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यपाल की कुर्सी पर बिठाया है । आज चंडीगढ़ में उनके सहयोग से भाजपा सांसद किरण खेर, संजय टंडन, हाउसिंग बोर्ड और चंडीगढ़ के प्रशासन ने 62,000 परिवारों को बेवकूफ बनाने के लिए नीड बेस चेंज का ड्रामा कर रही है । 9 नवंबर 2009 में तत्कालीन वित्त सचिव, चंडीगढ़ यू० टी०, श्री संजय कुमार की चेयरमैनशीप में नीड बेस चेंज एमेंडमेंट के लिए 8 लोगों की बनी कमेटी की बैठक हुई थी । कमेटी में वित्त सचिव समेत एक काउंसलर, फोसवेक (FOSWAC) अध्यक्ष, सीएचबी रेसिडेंट फेडरेशन अध्यक्ष , आर्किटेक्ट चंडीगढ़, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड आर्किटेक्ट, चीफ इंजीनियर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, सी०ई०ओ० चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की आपसी सहमति से 52 तरह के नीड बेस चेंज सहमति के साथ हस्ताक्षर हुए हैं । 07/01/10 को वित्त सचिव कम चीफ एडमिसटेटर यू० टी० चंडीगढ़ ने मेंमो न० 33/3/115/UTFI(4)-2009/106 Dated 07/01/2010 Allowed for All CHB creation need Based change for dwelling units चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को भेजा गया था । जिसमें वाईलेशन पर स्पष्ट 50 रूपए प्रति वर्ग फुट वन टाइम जुर्माना की बात है । अनेकों तरह की तब्दीली में किसी तरह के पैसे नहीं लेने की बात है । 2010 के तत्कालीन कांग्रेसी सांसद पवन बंसल के इशारे पर नोटिफिकेशन को अखबारों में प्रकाशित नहीं करवाया गया था । उसे दबाकर रखा गया था । अपनी वोट की राजनीति के लिए 2014 से बीजेपी की सांसद किरण खेर, एवं अध्यक्ष संजय टंडन के इशारे पर दबाकर रखा गया । कि समय आने पर ड्रामा किया जाए । पंचर करके पंचर बनाकर मसीहा बनने की राजनीति कर जनता को भयभीत कर वोट लेना । भाजपा के इशारों पर पिछले 1 वर्षों से वायलेशन के नाम पर लोगो को परेशान कर किराएदार बनाने पर हाउसिंग बोर्ड लग चुका था । हजारों लोगों ने अपने मकान को बचाने के लिए भयभीत होकर वार्षिक किराया करोड़ों रुपए जमा भी करवा दिए थे । तब अविनाश सिंह शर्मा चेयरमैन “चंडीगढ़ की आवाज” ने चंडीगढ़ के लाखों निवासियों के हित के लिए पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में 1 अप्रैल 2018 को चंडीगढ़ प्रशासन एवं हाउसिंग बोर्ड के खिलाफ (PIL) जनहित याचिका CWP 8316/2018 डालकर किरायेदार बनने से बचाया । उसके बाद घबराकर किरण खेर, संजय टंडन ने नीड बेस चेंज के नाम पर नई कमेटी की निर्माण की बात की । जो नीड बेस चेंज 2009 से 2010 में बदलाव को मंजूरी मिल चुकी है । उस मंजूरी को चंडीगढ़ प्रशासन, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, चंडीगढ़ के प्रशासक को भी कानूनी पावर नहीं है कि वापस ले सके । हाई कोर्ट से चंडीगढ़ प्रशासन एवं हाउसिंग बोर्ड को नोटिस हो चुका है । 2 तारीखे बीत चुकी है । मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है । प्रशासन और हाउसिंग बोर्ड के पास कोई जवाब नहीं है । लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए भयभीत करने के लिए ड्रामा किया जा रहा है । चंडीगढ़ के प्रशासक को भी “चंडीगढ़ की आवाज” कहना चाहता है । कि आप भी चंडीगढ़ शहर में हो रहे तानाशाही पर आंख बंद किए हुए हैं या कान बंद किए हुए हैं । मुझे तो लगता है कि आप की सहमति से लोगों का शोषण उत्पीड़न हो रहा है । चंडीगढ़ के प्रशासक को भी मैं बताना चाहता हूं कि 2010 का हो चुका नीड बेस चेंज का ही लाभ पूरे चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड निवासियों को चंडीगढ़ की आवाज कानून की मदद से दिलवाकर रहेगा । चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड मकानों को तोड़ने की बात कर जनता को भयभीत करतीं हैं । 6 छः महीने पुराने निर्माण को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड तोड़ नहीं सकती । यह आदेश पंजाब हरियाणा चंडीगढ़ उच्च न्यायालय का है । जनता को बेवकूफ बनाना बंद करें । पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है चंडीगढ़ प्रशासन चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने आज तक जवाब दाखिल नहीं किया है मुझे पूर्ण विश्वास है न्यायालय से जो फैसला आएगा चंडीगढ़ के लाखों जनता के हित में आएगा संविधान के अनुरूप आएगा । “चंडीगढ़ की आवाज” चंडीगढ़ की जनता के साथ है ।