विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में एकल उपयोग वाली पानी की बोतलों पर प्रतिबन्ध लगाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह और अनेक अन्य पर्यावरण मैत्री निर्णय लिये गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने के लिए प्रदेश में एक पांच सूत्रीय कार्यक्रम लागू किया जाएगा, जिसमें सरकारी कार्यालयों में एकल उपयोग वाली पानी की बोतलों को प्रतिबन्धित करने के अतिरिक्त 20 लाख पौधों का रोपण करने, 15 अगस्त तक प्रदेशभर के सरकारी कार्यालयों में हेलोजेन और सोडियम बल्बों व टयूबलाइट्स को एलईडी के साथ बदलना, पानी के पुर्नभरण के लिए 1000 गड्डे खोदना और तीन महीने के भीतर 10 नगरनिगमों में सरकारी भवनों में जल संग्रहण करना और हरियाणा को पोलीथिन मुक्त राज्य बनाना शामिल है। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकारी कार्यालयों में एक बार उपयोग की जाने वाली पानी की बोतलों का उपयोग नहीं किया जाएगा और केवल बहुउपयोगी पानी की बोतलों का ही उपयोग किया जाएगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आगे से शहरी स्थानीय निकाय विभाग एलईडी के सिवाय बल्बों व टयूबलाइट्स के नये स्टॉक की खरीद नहीं करेगा। इसके अतिरिक्त, नगरपालिकाओं में स्ट्रीट लाइट्स खराब होने और स्ट्रीट लाइट्स के कार्य न करने की स्थिति में हेलोजेन और सोडियम बल्बों को केवल एलईडी के साथ ही बदला जाएगा। मुख्यमंत्री ने सम्बंधित विभागों को सरकार के इस पांच सूत्रीय कार्यक्रम को मिशन मोड में लेने और जनभागीदारी के माध्यम से अधिकतम छ: महीने के भीतर इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 5 जून, 2018 को पडऩे वाले विश्व पर्यावरण दिवस-2018 के लिए भारत ग्लोबल होस्ट देश है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशभर में विश्व पर्यावरण दिवस को उचित ढंग से मनाया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कक्षा छठी से बारहवीं तक के विद्यार्थी अपने-अपने घरों के परिसरों में कम से कम एक-एक पौधारोपण अवश्य करें।