बैंक कर्मचारी यूनियनों ने भारतीय बैंक संघ के सैलरी में 2 फीसदी की बढ़ोत्तरी के ऑफर को खारिज कर दिया और जिसके चलते संगठन ने अपनी मांगों को लेकर प्र्दशन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मई महीने के अंत में हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के नेशनल कन्वीनर संजीव कुमार ने बताया कि 5 मई को हुई मीटिंग में आईबीए द्वारा रखे गए 2 फीसदी के ऑफर को खारिज कर दिया गया। पिछली वेतन वृद्धि में आईबीए ने 15 फीसदी बढ़ोतरी की थी। उन्होंने ने कहा कि बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन संशोधन एक नवम्बर 2017 से बकाया है। वित्त मंत्रालय ने बैंक प्रबंधनों और आई.बी.ए. को इस विषय पर चर्चा पूरी करके एक नवम्बर 2017 से संशोधित वेतन जारी की सलाह दी थी। इस पर आई.बी.ए. और बैंक यूनियनों की मई 2017 में शुरू हुई चर्चा कई दौर तक चली लेकिन आई.बी.ए. वेतन संशोधन के किसी प्रस्ताव लिए आगे नहीं बढ़ी।
उन्होंने ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि एक तरफ तो बैंकों का मुनाफा बड़े कार्पोरेट्स के बैड लोन में तब्दील हो रहा है वहीं दूसरी तरफ बैंक कर्मचारियों की वाजिब मांगों को भी नहीं माना जा रहा है।