कला एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा कि राज्य सरकर का उद्देश्य हरियाणा की संस्कृति और कला को विश्वपटल पर पहचान देना है, ताकि भावी पीढ़ी को हरियाणा के इतिहास और कला संस्कृति से जुड़ाव हो सके। यह बात श्रीमती कविता जैन ने आज यहां उनकी अध्यक्षता में हुई हरियाणा कला परिषद की समीक्षा बैठक के दौरान कही। बैठक में श्रीमती जैन ने हरियाणा कला परिषद की वेबसाइट भी लॉन्च की। इस मौके पर कविता जैन ने कहा कि हमारा देश संस्कृति और संस्कारों से जुड़ा हुआ देश है। इसलिए विकास के साथ-साथ संस्कृति और संस्कारों को भी निरंतर बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार की यही मंशा है कि प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा मिले और भावी पीढ़ी इस संस्कृति को अपनाएं। उन्होंने कहा कि कला संस्कृति एक ऐसा माध्यम है जिससे समाज में किसी भी विषय पर जागरूकता लाने और समाज की सोच बदलने का कार्य प्रभावशाली तरीके से किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हरियाणा की कला संस्कृति को लोक गीतों, कार्यक्रमों इत्यादि के माध्यम से प्रदेश के कोने-काने तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से हरियाणा की खान-पान, कला व संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएं।