हिसार की एकता ने पैरा एशियन गेम्स में जीता गोल्‍ड

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छोटी से दिक्कत आने पर भी हम अक्सर परिस्थितियों के सामने घुटने टेक देते हैं। मगर इरादे मजबूत हों तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। इसका जीता जागता उदाहरण है हिसार के अर्बन एस्‍टेट की एकता भ्याण। जिन्होंने सड़क हादसे में दोनों पांव गवां देने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और आज वो अपना नाम देश में ही नहीं बल्कि देश का नाम विदेशों में चमका रही हैं। एक बार फिर एकता ने मिसाल पेश करते हुए इंडोनेशिया के जर्काता में एशियन पैरा गेम्‍स में गोल्‍ड मेडल जीता है।

वह अपने हरेक मेडल की जीत का श्रेय अपने पिता बलजीत भ्याण और कोच अमित सिरोहा को देती हैं। एकता फिलहाल हिसार के रोजगार कार्यालय में सहायक रोजगार अधिकार के पद पर हैं। 100 प्रतिशत फिजिकली चैलेंज्ड होने के बावजूद उन्होंने हौसले की मिसाल कायम की है। नौकरी के साथ-साथ ट्रैक पर भी उन्होंने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी। वह बताती हैं कि इसके लिए उन्होंने रोजाना महज दो घंटे प्रैक्टिस की। ड्यूटी के बाद वह एक प्राइवेट स्कूल में रोजाना प्रैक्टिस करती हैं। एकता भ्याण के पांव काम नहीं करते।