कैथल में गर्भवती महिला के लिए नहीं पहुंची समय पर एम्बुलेंस, अस्पताल स्टाफ की लापरवाही से फर्श पर आधे बच्चे को दिया जन्म

353

सरकार एक तरफ गर्भवती महिलाओं के लिए तमाम सुविधाएं देने का ऐलान करती है, वहीं गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस तक नहीं मिल पा रही है। कैथल की एक ऐसी ही गर्भवती महिला को जुगाड़ के जरिए अस्पताल पहुंचना पड़ा और लापरवाही का आलम ये रहा कि अस्पताल पहुंचने के बाद भी डॉक्टरों ने उसे तत्काल अटेंड करने की जरूरत नहीं समझी।

बता दें कि कैथल शहर में गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए परिजनों को उसे मोटर साइकिल से अस्पताल ले जाना पड़ा। पूरे तीन किमी. तक परिवार ऐसे ही महिला को अस्पताल ले गया। जानकारी के मुताबिक परिजन लगातार एंबुलेंस को कॉल करते रहे, पर कोई जवाब नहीं मिला।

इस बीच एक घंटे का समय हो चुका था। ऐसे में परिजनों को जुगाड़ ऑटो का सहारा लेना पड़ा। इस बीच महिला की हालत गंभीर हो गई। परिजनों के मुताबिक दीपा को प्रसव के लिए दर्द शुरू हुआ, परिजनों ने जननी सुरक्षा योजना की एंबुलेंस के लिए 102 पर फोन किया। एक घंटे तक कोई एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर मजबूरन परिजन ऑटो से दीपा को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।

इतना ही नहीं जुगाड़ से गर्भवती महिला को लेकर पहुंचे परिवार की मदद के लिए अस्पताल में भी कोर्इ सामने नहीं आया। उन्हें खुद ही पत्नी को स्ट्रेचर पर डालकर अस्पताल में ले जाना पड़ा। इस दौरान सभी सिक्योरिटी गार्ड आैर वाॅर्ड बाॅय तक अपने काम में व्यस्त रहे, लेकिन उनकी मदद के लिए कोर्इ सामने नहीं आया और आखिरकार गर्भवती महिला ने टॉयलेट में फर्श पर आधे बच्चे को जन्म दिया।

गर्भवती महिला की चीख पुकार के बाद पहुंची ट्रेनी नर्स ने आधे बच्चे को खींच कर निकला और जब परिजनों ने विरोध जताया, तो परिजनों को रैफर करने के धमकी दी और पुलिस को बुला लिया। तब परिजनों ने उपायुक्त निवास पर पहुंच कर गुहार लगाई।