पंजाब यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर प्रणाली से होंगे एग्जाम, वार्षिक परीक्षा के पक्ष में नहीं यूजीसी

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पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में सेमेस्टर प्रणाली से ही एग्जाम होंगे। यूजीसी वार्षिक परीक्षाएं करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे स्टूडेट्स सारा साल पढ़ाई करते हैं। यह निर्णय देशभर के विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों की बैठक के बाद लिया गया है। हालांकि सेमेस्टर प्रणाली को और दुरुस्त किए जाने को लेकर सुझाव स्टूडेंट व टीचर्स से मांगे गए हैं।

यूजीसी का कहना है कि साल भर स्टूडेंट खाली न रहें, पढ़ाई करते रहें, इसलिए सेमेस्टर प्रणाली बेहद जरूरी है। सेमेस्टर प्रणाली पीयू में चार साल पहले लागू की गई थी। इस प्रणाली का पहले विरोध हुआ लेकिन बाद में धीरे-धीरे स्टूडेंट्स ने इसे स्वीकार कर लिया। कई विश्वविद्यालयों में विरोध होने के बाद यूजीसी ने इस पर हर साल मंथन करवाया। विशेषज्ञ बुलाए।

स्टूडेंट्स की भी राय ली गई। पीयू में यह संदेश पहुंच गया था कि यहां फिर से वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू होने जा रही है। इस व्यवस्था से एग्जाम की व्यवस्था में जुटे कर्मचारी भी खुश हो गए। कुछ स्टूडेंट्स ने भी खुशी जाहिर की। यहां तक की यूजीसी को पत्र भी बधाई के लिए लिख दिए लेकिन अब उनको झटका लगा है। सूत्रों का कहना है कि यूजीसी सेमेस्टर प्रणाली जारी रहेगा।

ट्राई सेमेस्टर प्रणाली इसलिए भी लागू की गई थी कि स्टूडेेंट गलत संगत में न पड़ें। पढ़ाई का डर बना रहे और वह साल भर व्यस्त रहें। अभिभावकों को भी यह व्यवस्था रास आई थी। सेमेस्टर प्रणाली से एग्जामिनेशन ब्रांच के कर्मचारियों का काम बढ़ गया। वह साल भर डेटशीट आदि तय करने में जुटे रहते हैं। वार्षिक परीक्षा प्रणाली में वह विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ ही अपने कार्यों में जुटते थे। साल में एक या दो महीने ही काम का बोझ होता था।