शहर में पानी की दिक्कत अकसर बनी रहती है। खासकर सेक्टरों में ऊपरी मंजिल पर पानी नहीं चढ़ पाता। गर्मियों में यह दिक्कत और बढ़ जाती है। इन दिक्कतों में प्राइवेट टैंकर ही सहारा होते हैं। लेकिन यह प्राइवेट टैंकर पानी कहां से लेकर आते हैं। जिस ट्यूबवेल का पानी भरा जाता है, उसकी गहराई कितनी है। पानी पीने योग्य है भी या नहीं, यह कोई नहीं देखता। इसको देखते हुए अब नगर निगम ऐसे सभी प्राइवेट टैंकर फिलिंग स्टेशनों की जांच कराएगा।
इसके लिए जिम्मेदार इंजीनियरों को आदेश दे दिए गए हैं। एमसी की वाटर सप्लाई एंड सीवरेज डिस्पोजल कमेटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। काउंसलर कंवरजीत सिंह राणा की चेयरमैनशिप में यह मीटिंग हुई। शहर के साथ गांवों के फिलिंग स्टेशन भी जांचे जाएंगे। फिलिंग स्टेशन इंस्पेक्शन की रिपोर्ट वाटर सप्लाई कमेटी की अगली मीटिंग में पेश करनी होगी। सीवरेज की सफाई के लिए खरीदी जाएंगी सक्शन मशीनें इसके अलावा कमेटी ने अधिकारियों को गांवों में सीवरेज लाइन की साफ सफाई के लिए छोटे साइज की सुपर सक्शन मशीनें खरीदने के आदेश भी दिए। गांवों में अक्सर सीवरेज ब्लॉक हो जाते हैं। लेकिन इन्हें पुराने तरीके से ही सफाई कर्मी दुरुस्त करते हैं। इससे सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है। सक्शन मशीन से सीवरेज को नियमित साफ करना आसान हो जाएगा।कमेटी ने गांवों में चल रहे पब्लिक हेल्थ से जुड़े विकास कार्यो में तेजी लाने के लिए कहा। उन सभी ग्रीन बेल्ट में रोड गली बनाने के निर्देश भी दिए, जहां बरसात के दिनों में पानी भर जाता है।
-एनएसी मनीमाजरा की पॉकेट नंबर-6 में स्कूल के पास वाटर सप्लाई लाइन डालने का 16.71 लाख का एस्टीमेट मंजूर किया।
-सेक्टर-44 के सहज सफाई केंद्र के पास सबमर्सीबल पंपिंग सेट लगाने के लिए एस्टीमेट करने के आदेश एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों को दिए गए।
-सेक्टर-49 स्थित साई एन्क्लेव में स्टार्म वाटर लाइन ड्रेनेज सिस्टम का एस्टीमेट तैयार किया जाएगा।