गुरुग्राम में गनमैन द्वारा एडीजे कृष्णकांत की पत्नी और बेटे को गोली मारकर हत्या करने की दिल दहला देने वाली घटना से हरियाणा सरकार सकते में है। धार्मिक यात्रा से लौटे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के गृह सचिव एसएस प्रसाद और पुलिस महानिदेशक बीएस संधू को तलब कर पूरे मामले की रिपोर्ट ली है। मुख्यमंत्री ने गृह सचिव और डीजीपी को तमाम उन पुलिस कर्मियों और कमांडो की काउंसलिंग कराने के आदेश दिए हैं, जिन्हें वीआइपी और वीवीआइपी सिक्योरिटी में तैनात किया गया है। ऐसे पुलिस जवानों की संख्या पांच हजार से अधिक है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गृह सचिव एसएस प्रसाद और पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त को आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए। राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को सतर्कता बरतने के आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में गनमैन द्वारा एडीजे की पत्नी और बेटे की हत्या की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि यह अच्छा नहीं हुआ और इसकी निंदा की जानी चाहिए।
हरियाणा में वीआइपी सिक्योरिटी का खूब चलन है। प्रदेश सरकार के मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों और न्यायाधीशों के अलावा 284 व्यक्ति ऐसे हैं जो आम आदमी, पूंजीपति, उद्योगपति तथा पंच-सरपंच की श्रेणी में आते हैं। राज्यस्तरीय पुनर्विचार समिति, गुप्तर विभाग, केंद्रीय गृह मंत्रालय व गृह विभाग की रिपोर्ट के आधार पर इन लोगों को सिक्योरिटी उपलब्ध कराई गई है। वीआइपी को सिक्योरिटी उपलब्ध कराने का मुद्दा हरियाणा विधानसभा में पिछले साल उठ चुका है।