अगले दो दिन हरियाणा के लोगों की आफत अाने वाली है। यदि आपको कहीं जाना है या आप बसों के दैनिक यात्री हैं तो सावधान हो जाएं और सोच समझकर यात्रा पर निकलें। हरियाणा के रोडवेज कर्मचारी अगले दो दिन बसों का चक्का जाम करेंगे। रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने 16 अौर 17 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इस हड़ताल को सर्व कर्मचारी संघ समेत कई कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन दिया है। दूसरी ओर, सरकार ने हड़ताल से निपटने के लिए प्रबंध करने में जुट गई है। राज्य में अभी रोडवेज कर्मचारियों के हड़लात करने पर छह माह की रोक लगा रखी है और राज्य में एस्मा लगा रखा है। इसे इसी साल 30 अगस्ता को लागूकिया गया था।
हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने देने के लिए कमर कस ली है। बार-बार हड़ताल पर उतारू कर्मचारियों को सरकार पहले चेतावनी देगी। फिर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उधर, सर्व कर्मचारी संघ समेत कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार को चेताया है कि अगर हड़ताल को विफल बनाने के लिए बल प्रयोग किया गया तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा, नगरपालिका कर्मचारी संघ के प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, आल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन के प्रधान सुरेश राठी, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रधान सीएन भारती, मैकेनिकल वर्कर यूनियन के अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह डंगवाल, हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के प्रधान महेंद्र प्रताप गुलियां और हेमसा के प्रधान संदीप सांगवान ने रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट के अनुसार रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल वेतन या भत्ते बढ़वाने के लिए नहीं बल्कि रोडवेज के निजीकरण के विरोध में हो रही है। रोडवेज में घाटे का दुष्प्रचार किया जा रहा है। सरकार यदि एक दर्जन से अधिक श्रेणियों को दी जा रही सब्सिडी विभाग में जमा करा दे तो रोडवेज मुनाफे में आ जाएगा। रोडवेज के बेड़े में दस हजार नई बसें चाहिए, लेकिन सरकार किराये पर बसें लेकर विभाग का निजीकरण करने पर तुली है।
आल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रधान व तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य हरिनारायण शर्मा व महासचिव बलवान सिंह दोदवा ने कहा कि सरकार झूठे बयान देकर लोगों को गुमराह कर रही है। अगर विभाग में 15 हजार सरकारी बसें आती हैं तो एक लाख नए लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में केवल 20 से 22 रुपये प्रति किलोमीटर के रेट पर बसें किराये पर ली जा रही हैं जबकि हरियाणा में 36 से 42 रुपये प्रति किलोमीटर के डबल रेट दिए जा रहे हैैं। किलोमीटर स्किम के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि रोडवेज की हड़ताल पर सरकार एक मांग को छोड़कर बाकी पर बातचीत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट बस नहीं चलाने की मांग को छोड़कर वह बाकी मांगों पर बातचीत करने को तैयार हैं। आम जनता को परेशानी न हो इसे लेकर ही एस्मा लगाया हुआ है। हाई कोर्ट भी ऐसी गतिविधियों को खुद देख रहा है। यदि कर्मचारी चाहे तो मांगों पर बातचीत कर सकते हैं।