इनेलो कार्यकारिणी में बड़ा फैसला, दुष्‍यंत व दिग्विजय निष्‍कासित करने की तैयारी

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प्रदेश की राजनीति खासकर इंडियन नेशनल लोकदल में विभाजन लगभग तय हाे गया है। गुरुग्राम में इनेलो की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सांसद दुष्‍यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चाैटाला को पार्टी से बर्खास्‍त करने के संकेत मिले हैं। इस बारे में निर्णय लेने का अधिकार पार्टी सुप्रीमो आेमप्रकाश चौटाला को सौंप गया है। चाैटाला ने इस मामले को अनुशासन समिति को देकर 25 अक्‍टूबर को रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद इस पर निर्णय किया जाएगा। स्‍पष्‍ट संकेत है कि 25 अक्‍टूबर को दोनों भाइयों को इनेलो से निष्‍कासित कर दिया जाएगा। आज जेल वापस लौटने से पहले ओम प्रकाश चौटाला ने कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई थी।

बैठक में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह चौटाला को पार्टी से बर्खास्त करने की अनुमति प्रदेश कार्यकारिणी से ली। इन दोनों को पार्टी से बाहर निकालने का जिम्मा अब चौटाला ने इनेलो की अनुशासन समिति को सौंप दिया। अनुशासन समिति 25 अक्टूबर से पहले सारे तथ्य जुटा कर दुष्यंत व दिग्विजय के इनेलो से निष्कासन पर मुहर लगाएगी। समिति इस बारे में रिपोर्ट देगी और 25 अक्टूबर को ओम प्रकाश चौटाला जब मेडिकल चेकअप के लिए तिहाड़ जेल से एक दिन के लिए बाहर आएंगे तो इस पर अंतिम निर्णय कोंगे। उस समय वह  अनुशासन समिति के इस निर्णय को विधिवत रूप से जारी करेंगे।

बैठक में आेमप्रकाश चौटाला ने कहा कि परिस्थितियां आपके अनुकूल है, छोटो मोटे मतभेद है वो समाप्त हो जाएंगे। प्रदेश में इनेलो व बसपा सरकार बनाएगी। कुछ ताकतें संगठन को कमजोर कर रही है। यह साजिश के तहत हो रहा है।पार्टी में अनुशासनहीनता फैलाई जा रही है। इससे पार्टी का हर कार्यकर्ता चिंतित है। पार्टी में मतभेद व मनभेद खत्म करने की अपील की। अच्छे लोगों को हमने पार्टी में लिया और जो अनुशासनहीनता करते है उनके खुलाफ एक्शन भी लिया है।

चौटाला ने कहा, मै अंदर जाने से पहले आपकी रॉय लेना जरूरी समझता हूं। संगठन में जो लोग जुड़ना चाहते हैं उनकी सूची बनाकर अशोक अरोड़ा को दें। अनुशासनहीनता करने वाले जो लोग जो बच गए हैं उनकी भी सूची तैयार करके दीजिए।

आेमप्रकाश चौटाला ने कहा, पार्टी में अनुशासनहीनता पर लगाम के लिए मैंने सख्त कदम उठाकर इनसो व युवा लोकदल को समाप्त किया है। इनका नए सिरे से गठन करेंगे। यह कदम मुझे मजबूरन ये कदम उठाना पड़ा है। 7 अक्‍टूबर की रैली में कुछ लोगों ने हुल्लड़बाजी की कोशिश की। यह नाकाबिले बर्दाश्‍त है। इसको लेकर अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।