गुरुग्राम के लघुसचिवालय के सभाघर मे सीएम मनोहर लाल ने कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता की और इस बैठक में एक तहसीलदार और क्लर्क को सस्पेंड कर दिया। वहीं बादशाहपुर तहसिलदार के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए है।
गुरुग्राम कष्ट निवारण समिति की बैठक में कुल 17 शिकायतों को सुना गया। सीएम ने 14 समस्याओं को सुनने के बाद सभी समस्याओं का समाधान कर दिया। वहीं बैठक में बीपीएल फ्लैट्स की रजिस्ट्री मामले में गुरुग्राम के तत्कालीन तहसीलदार रूपेंद्र को सस्पेंड किया गया है और एक क्लर्क को भी इस मामले में संलिप्त पाने पर स्पेंड किया गया है।
दरअसल, गुरुग्राम में 2017 में शिकायत मिली थी कि बीपीएल परिवार को मिलने वाले फ्लैट्स की रजिस्ट्री की गई। वहीं कानूनी तौर पर किसी भी बीपीएल फ्लैट्स को मिलने के बाद 5 साल तक नहीं बेचा जा सकता है, लेकिन जिन लोगों को फ्लैट्स मिले उन्होंने फ्लैट्स को मिलने के कुछ महीनों में ही बेच दिया जिसकी रजिस्ट्री की गई।
लगभग सैकड़ों ऐसी रजिस्ट्री पाई गई, जबकि शिकायत के दौरान 11 रजिस्ट्री की कॉपी दी गई। जिसके बाद इसकी जांच पूरी होने के बाद सीएम को रिपोर्ट सौंपी गई। रिपोर्ट के आधार पर इस प्रशासनिक जांच में दोषी पाया गया। यही नहीं पिछली कष्ट निवारण समिति की बैठक में सीएम ने आदेश दिए थे कि बीपीएल फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं करें, लेकिन इसके बाद भी बादशाहपुर के तहसीलदार ने इस तरह रजिस्ट्री की जिसके बाद सीएम ने आज कष्ट निवारण की बैठक में बादशाहपुर तहसीलदार के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए है।
गुरुग्राम में इस बैठक में करीब 17 समस्याओं पर सुनवाई की गई। इस बीच करीब 14 समस्याओं का समाधान किया गया और 3 पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा इन समस्याओं में एमसीजी, जीएमडीए, पुलिस विभाग और तहसील से सम्बंधि समस्याओं को शामिल किया गया था, इस बीच सीएम ने अरविंद केजरीवाल पर कुछ बोलने से बचते नजर आए।
रमेश यादव ने अवैध रूप से की जाने वाली इन रजिस्ट्रियों के बारे में शिकायत की थी वहीं 2017 में इस तरह के मामले सामने आए थे जिसके बाद जिला उपायुक्त को जो शिकायत की गई थी, उसमें किसी तरह कोई समाधान नहीं निकला तो सीएम को इसकी शिकायत की गई और इस कष्ट निवारण की बैठक में सीएम ने इस मामले में जो जांच रिपोर्ट आई उसके आधार पर तहसीलदार को सस्पेंड किया गया है। वहीं रमेश यादव का यह भी कहना है कि अभी भी इस तरह से कई तहसीलों में रजिस्ट्री की जा रही हैं जिस पर रोक लगनी चाहिए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ईडब्लूएस और बी पी एल के प्लाट व फ्लैटों की रजिस्ट्री 5 वर्ष की अनिवार्य अवधि को नजर अंदाज करके रजिस्ट्री करने के आरोप में गुरुग्राम और बादशाहपुर के तत्कालीन नायब तहसीलदारों रुपेंद्र कुमार, रिटायर्ड नायब तहसीलदार अयूब खान, रेजिस्ट्रेशन क्लर्क को निलंबित करने के दिये आदेश दिए हैं। इन कर्मचारियों ने रेजिस्ट्रेशन में कई अनियमितताएं की थी।