1996 में मिले मालिकाना हक एवं 2010 में मिले 52 तरह के नीड बेस चेंज मंजूरी के दबाएं आदेश को सार्वजनिक किया

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चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अविनाश सिंह शर्मा, चेयरमैन, चंडीगढ़ की आवाज ने 1996 में जब केंद्र में एच. डी. देवगौड़ा, प्रधानमंत्री के कार्यकाल में “द चंडीगढ़ कनवर्जन ऑफ रेशीडेंटल लीज होल्ड लैंड टैनर ईन टू फ्री होल्ड टैनर रूल्स 1996 (The Chandigarh Conversion of Residential Lease-Hold Land Tenure into Free Hold Land Tenure Rules 1996)” एवं 2010 में 52 तरह की नई नीड बेस चेंज मंजूरी के छुपाए गए कागजात को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में सार्वजनिक किया । अविनाश सिंह शर्मा ने बताया कि चंडीगढ़ कि भाजपा – कांग्रेस नेताओं और चंडीगढ़ प्रशासन की मिलीभगत से 1996 में मिले बिना कन्वर्जन फीस (फ्री फीस) के मालिकाना हक वाली 50 वर्ग मीटर से कम वाली प्रॉपर्टी ईडब्ल्यूएस, टेनामेंट , इंडस्ट्रियल लेवर हाउस, सेल्फ फाइनैंसिंग स्कीम फ्लैट, चीप हाउस को आज तक लीज होल्ड किराएदार बनाकर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, स्टेट ऑफिस ,नगर निगम ने करीब अरबों रुपयों की अवैध किराया वसूली किया । हर एक चुनाव में भाजपा – कांग्रेस नेताओं का चुनावी मुद्दा मालिकाना हक दिलवाने की बात होती थी । जोकि 19-07-1996 में आ चूका था |

अभी भी वर्तमान में टेनामेंट हाउस विकासनगर मैं चंडीगढ़ नगर निगम ने स्थानीय भाजपा नेताओं के सहयोग से गरीबों को डरा – धमकाकर करोड़ों – करोड़ों का किराया वसूली की जो आज तक जारी है 1996 में मिले मालिकाना हक को छुपा कर भाजपा – कांग्रेस नेताओं ने मालिकाना हक देने की बात कह कर 1996 से अपनी राजनीतिक रोटी सेक रहे हैं | 1996 से 1999 तक भाजपा के पूर्व सांसद ने मालिकाना हक दिलवाने की बात कह कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकी थी । 1999 से लेकर 2014 तक 15 वर्षों तक मालिकाना हक दिलवाने की बात कह कर पूर्व सांसद पवन बंसल ने अपनी राजनीतिक रोटी सेकी थी । जब जब चुनाव आते थे । चुनाव से पूर्व टेनामेंट, ईडब्ल्यूएस फ्लैट, समेत अन्य मालिकाना हक मिले लोगों को बेवकूफ बनाकर अपनी राजनीति करते थे । 2014 के चुनाव में भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन, भाजपा के सांसद बने किरण खेर ने लोगों को मालिकाना हक दिलवाने की बात करके अपनी राजनीतिक रोटी सेकी । इन लोगों को स्पष्ट रूप से मालूम था कि 1996 में ही मालिकाना हक मिल चुके हैं और कागजात दबा कर रखे गए हैं । भाजपा कांग्रेस नेताओं की आपसी मिलीभगत से लाखों लोगों के जीवन के बहुमूल्य समय 22 साल खराब किए गए मालिकाना हक दबे होने के कारण बैंक लोन नहीं मिलने के कारण

1. अपने बेटे – बेटियों को पढ़ाई करवा कर डॉक्टर इंजीनियर बनाने की सपने नहीं देख सके।

2. परिवार के गंभीर बीमार लोगों को दवा इलाज के अभाव में मरते देखा ।

3. अपनी कुंवारी बेटियों की शादी समय से, पैसे के अभाव में अच्छे जगह नहीं कर पाए ।

4. अपने मकान गिरवी रख व्यापार लोन लेकर व्यापार करने से वंचित होकर भूखे मरने पर विवश हुए ।

5. चंडीगढ़ के विभिन्न सेक्टरों में हाउसिंग बोर्ड, स्टेट ऑफिस के ई,डब्ल्यू, एस फ्लैट, स्टेट ऑफिस, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड एवं नगर निगम के टेनामेंट जो राम दरबार, मलोया, डड्डूमाजरा, बापूधाम, सेक्टर-56, सेक्टर-52, सेक्टर 25, इंदिरा कॉलोनी, विकास नगर, मौली जागरा, धनास समेत विभिन्न सेक्टरों के टेनामेंट हाउस, हाउसिंग बोर्ड, स्टेट ऑफिस, नगर निगम के आर्थिक शोषण, ज्यादती के कारण किराएदार बनकर बदहाली का जीवन रो – रो कर जी रहे हैं ।

1996 में लीज होल्ड टू-फ्री होल्ड रूलश नोटिफिकेशन मैं स्पष्ट रुप से ली. जी (Lease) के अलावे जी. पी. ऐ (GPA) होल्डर को मालिकाना हक देने का आदेश है ।

1. 50 वर्ग मीटर से कम वाली प्रॉपर्टी – Fees – फ्री (Nill)

a. ई. डब्ल्यू. एस (EWS) – Fees – फ्री (Nill) ,

b. टेनामेंट अल्लोटेड (Tenements Alloted) – Fees – फ्री (Nill) ,

c. इंडस्ट्रियल लेवर हाउस (Industrial Labour Houses) – Fees – फ्री (Nill) ,

d. सेल्फ फाइनैंसिंग स्कीम फ्लैट (Self Financing Scheme Flats) – Fees – फ्री (Nill) ,

e. चीप हाउस (Cheap Houses) – Fees – फ्री (Nill)

2. एल. आई. जी (LIG) – 4300 RS ,

3. एम आई जी (MIG) – 6100 RS ,

4. एच आई जी (HIG) फ्लैट होल्डर – 9000 RS ,

5. एच आई जी अप्पर (HIG Upper) फ्लैट होल्डर – 10700 RS ,

I. इन सभी के मालिकाना हक रुकवा कर पवन बंसल के कार्यकाल में 2001 में पवन बंसल के ईशारे पर लोगो को गुमराह कर – कर बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा हुआ । जिस आंदोलन में करीब 40,000 लोग सड़क पर उतरे थे । GPA होल्डर को मालिकाना हक दिलवाने का नाटक करके पवन बंसल ने 2004 चुनाव की पूर्व तैयारी की थी ।

II. 2009 चुनाव की पूर्व तैयारी में पवन बंसल के इशारों पर 2007 – 2008 में हजारों की संख्या में वायलेशन के नाम पर कैंसिलेशन के नोटिस भेजे गए । नीड बेस चेंज की मांग का एक बड़ा आंदोलन 2008 में भी खड़ा हुआ ।

a. 09/11/2009 को फाइनेंस सेक्रेटरी के चेयरमैन सीप में चीफ आर्किटेक्ट चंडीगढ़, असिस्टेंट आर्टिटेकट चंडीगढ़, चीफ इंजीनियर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, सी. ई. ओ चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड समेत विभिन्न फेडरेशन के लोगों की एक कमेटी बनी ।

b. 52 तरह की नीड बेस चेंज पर सहमति बनी ।

i. वायलेशन पर 50 रूपये प्रति वर्ग फ़ीट जुरमाना वन टाइम आदेश हुआ |

ii. पिछले साइड 150 वर्ग फुट तक के कमरे का आदेश हुआ एवं

iii. अन्य 50 नीड बेस चेंज पर सहमति बनी |

c. सभी लोगों ने (1) फाइनेंस सेक्रेटरी , (2) चीफ आर्किटेक्ट चंडीगढ़, (3) असिस्टेंट आर्टिटेकट चंडीगढ़, (4) चीफ इंजीनियर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, (5) सी. ई. ओ चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड) और तीन पब्लिक रिप्रेजेन्टेटिव ने अपने हस्ताक्षर किए ।

d. 07 /01 /2010 को फाइनेंस सेक्रेटरी कम चीफ एडमिनिस्ट्रेटर यू.टी चंडीगढ़ के मेमो नंबर 33/ 3 /115 UTFI(4)2009/106 dt 07/01/2010 Allowed हुआ ।

e. 23 मार्च 2010 को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन, सेक्रेटरी के हस्ताक्षर से उपरोक्त नीड बेस चेंज का नोटिफिकेशन निकला‌ ।

2019 चुनाव की पूर्व तैयारी में भाजपा राजनीतिक ड्रामा शुरू

भाजपा के अध्यक्ष संजय टंडन और सांसद किरण खेर ने 2015 से अपना राजनीतिक ड्रामा शुरू किया ।

2015 में भाजपा के सांसद किरण खेर अध्यक्ष संजय टंडन ने एक साजिश के तहत चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड अलाटी के जेब पर डाका डालने के लिए तत्काल के नाम पर हाउसिंग बोर्ड में स्कीम चालू करवाई 20000 रुपए से लेकर 50000 रुपए तक का तत्काल का फीस रखा गया । तकरीबन आज तक करीब 10 करोड रुपए तत्काल के नाम पर वसूले गए। और तत्काल की आड़ में पर्दे के पीछे भ्रष्टाचार को बढ़ाते हुए करोड़ों करोड़ों रुपया वसूला गया । जिन लोगों ने तत्काल की फीस जमा नहीं की भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं किया उन लोगों की फाइल हाउसिंग बोर्ड से गुम करवा दी गई। यह तो आजाद भारत में तानाशाही जिसका जवाब अध्यक्ष संजय टंडन दे सांसद किरण खेर दे कि चंडीगढ़ की जनता अपना प्रतिनिधि क्या आपने शोषण के लिए चुनती हैं । इस बात को चंडीगढ़ की आवाज हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेगा ।

1. लीज होल्ड टू फ्री होल्ड कन्वर्जन को 55 गुना बढ़ा कर चंडीगढ़ की जनता को परेशान किया । बता दें कि चंडीगढ़ यू. टी केंद्र के द्वारा दिए गए आदेश का अमेंडमेंट केंद्र सरकार संसद में पास होने के बाद ही कुछ कर सकती है । चंडीगढ़ प्रशासन को कोई अमेंडमेंट का अधिकार नहीं है । 2016 से हजारों की संख्या में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड फ्लैट, टेनामेंट हाउस को कैंसिलेशन की नोटिस आने लगी । यह नोटिस भाजपा नेताओं के इशारों पर भेजा जा रहा था ।

2. वाईलेशन पर 100 रूपये प्रति वर्ग फुट वार्षिक किराया लगाकर रेगुलर करवाने की बात भाजपा नेताओं के इशारों पर हुआ । हाउसिंग बोर्ड के द्वारा दबाव बनवाकर हजारों हजारों अलाटीयो से करोड़ों करोड़ों रुपया अवैध वार्षिक किराया के रूप में जमा करवाया गया । लोगों को मालिक से किराएदार बनाकर एक साजिश के तहत बरसो बरसो तक अपनी राजनीति पक्के करने के काम में लग गए थे । फिर से चुनाव की पूर्व तैयारी में नीड बेस चेंज के आंदोलन खड़े करवाने लगे ।

दोनों पार्टियों कांग्रेस, बीजेपी का डरामा खत्म करने एवं चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट,

(50 वर्ग मीटर से कम वाली प्रॉपर्टी, ई. डब्ल्यू. एस (EWS) , टेनामेंट अल्लोटेड (Tenements Alloted) , इंडस्ट्रियल लेवर हाउस (Industrial Labour Houses) , सेल्फ फाइनैंसिंग स्कीम फ्लैट (Self Financing Scheme Flats) , चीप हाउस (Cheap Houses) , एल. आई. जी (LIG) , एम आई जी (MIG) , एच आई जी (HIG) फ्लैट होल्डर , एच आई जी अप्पर (HIG Upper) फ्लैट होल्डर) , समेत लाखों परिवारों को परेशानी से बचाने के लिए जब मेरे द्वारा पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में 1 अप्रैल 2018 को जनहित याचिका डाली गयी । चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने 18 अप्रैल 2018 को चंडीगढ़ के एडवाइजर , होम सेक्रेटरी , डिप्टी कमिश्नर चंडीगढ़ , हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन , हाउसिंग बोर्ड सेक्रेटरी को नोटिस कर 31 जुलाई को जवाब मांगा । उसके बाद घबराकर 100 प्रति वर्ग फुट फ्लैट मालिकों से किराया वसूली को रोका गया । और भाजपा नेताओं में खलबली मच गई सांसद किरण खेर ,संजय टंडन के द्वारा नीड बेस चेंज ऑर्डर निकलवाने की बात करके जनता को गुमराह करने का दौर शुरू हुआ । जब नींड बेस चेंज आर्डर पूर्व में ही निकल चुका है । तो जनता पर दबाव बनाकर मालिक से किराएदार क्यों बनाए जा रहे थे ।

चंडीगढ़ हाईकोर्ट में 31 जुलाई 2018 को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड और चंडीगढ़ प्रशासन के द्वारा कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया । जनता को गुमराह करने के लिए फिर से नीड बेस चेंज आर्डर कमेटी बनाने का ड्रामा भाजपा नेताओं द्वारा किया गया है । उसमें परोक्ष रूप से कांग्रेसी नेताओं का अंदरुनी समर्थन है । कारण कि जब भी कोई रैलिया होती है ‌उसमे भाजपा नेताओं के अलावे कांग्रेस के अध्यक्ष और कांग्रेसी नेता भी शिरकत करते हैं ।

इसलिए मजबूर होकर चंडीगढ़ की जनता को समाचार पत्रों टेलीविजन चैनलों के माध्यम से जागरुक करने के लिए प्रेस वार्ता और चंडीगढ़ प्रशासन को अल्टीमेटम देने के लिए प्रेश वार्ता की गई है । अवैध रूप से बाईलेशन के नाम पर वसूले गए अवैध किराया करोड़ों करोड़ों रुपए, तत्काल फीस के नाम पर वसूले गए अवैध करोड़ों करोड़ों रुपए, फ्री होल्ड मालिकाना हक मिले ईडब्ल्यूएस , टेनामेंट हाउस से वसूले गए अवैध किराया अरबों रुपए लोगों को वापस किए जाए और दो दिनों के अंदर हो रही तमाशे को चंडीगढ़ प्रशासन बंद करें । नहीं तो मजबूर होकर “चंडीगढ़ की आवाज”

को आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरना पड़ेगा ।