हरियाणा में बीते 13 दिनों से चल रही रोडवेज बसों की हड़ताल में कई उतार-चढ़ाव आए हैं मगर शनिवार को हुए एक बदलाव ने सबको हैरान कर दिया। रोडवेज की बस में लोगों ने पहली बार किसी महिला कंडक्टर को टिकट काटते हुए देखा। खारीसुरेरा निवासी निर्मला को हरियाणा के सिरसा डिपो की पहली महिला परिचालक है। सिरसा से ऐलनाबाद के बीच रूट पर शनिवार को बीकॉम पास महिला परिचालक ने टिकटें काटी यात्री हैरान रह गए।
बस में थैला लेकर निर्मला पहुंची तो दूसरी बस से भी कई सवारियां उसे देखने के लिए आईं। महिला परिचालक को लेकर ज्यादातर ने इसे अच्छा कदम बताया और कहा कि राजस्थान में पहले ही महिला परिचालक है। अब हरियाणा में भी इसकी शुरूआत हो गई। गांव में पति व पत्नी खेतीबाड़ी का कार्य करते हैं। रोडवेज विभाग में निर्मला ने परिचालक लगने के लिए सोमवार को आवेदन जमा करवाया था। शुक्रवार को रोडवेज से ड्यूटी के लिए काल की गई। रोडवेज बस में सिरसा से ऐलनाबाद के बीच रूट पर निर्मला को ड्यूटी दी गई। निर्मला देवी ने दिनभर दो चक्कर में यात्रियों की टिकट काटी।
बस ड्यूटी के दौरान परिचालक निर्मला देवी का प्रथम दिन रोचक रहा। निर्मला ने बस में टिकट काटनी शुरू की, फिर एक ताई के पास पहुंची। ताई से टिकट के लिए बोला तो ताई बोली कंडक्टर नै आण दे। निर्मला ने इशारे से ही टिकटें दिखाई तो ताई समझ गई और बोली किसा टैम आग्या, महिलाओं को खड़े होकर नौकरी करनी पड़ रही है। इसके बाद एक अन्य महिला ने भी निर्मला से गांव व परिवार के बारे में भी पूछा और फिर बोली घबराना नहीं, बेटियां किसी से पीछे नहीं हैं। बस में बैठे एक व्यक्ति ने निर्मला को सबसे ज्यादा हौसला दिया। बोला घबराना नहीं बेटियां किसी से कम नहीं है। निर्मला बताती है कि महिला परिचालक को देखकर यात्री आपस में चर्चा कर रहे थे लेकिन उसका काम तो टिकट काटना था।
निर्मला को अभी गांव में बस स्टैंड के पंच नहीं पता है। पहले उसे एक घंटे का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें किसी गांव का कितना किराया व सीरियल नंबर के बारे में बताया गया। निर्मला ने पंच के सीरियल नंबर से निशान लगाए। उसे अभी पेन से ही निशान लगाने के लिए कहा गया। इसके अलावा पहले दिन बस अड्डों की कम जानकारी थी। कई स्थान पर आगे पीछे बस रुकवानी पड़ी। बस चालक भी नया था।
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल होने पर चालक-परिचालक के बस स्टैंड में आवेदन जमा हो रहे थे। निर्मला देवी ने अपने सास व ससुर से परिचालक का लाइसेंस होने की बात कहते हुए नौकरी लगने के लिए कहा। जिस पर सास-ससुर ने कहा कि नौकरी करने में शर्म किस बात की है। हमें तो खुशी है कि हमारी बहू नौकरी करेगी। इसके बाद निर्मला देवी ने शनिवार को रोडवेज में पति विकास के साथ आकर ड्यूटी ज्वाइन कर ली।
निर्मला देवी की तीन महीने की बेटी है। रोडवेज बस में परिचालक नियुक्त होने के बाद बेटी को अपनी सास के पास छोड़ा। निर्मला ने कहा कि नौकरी करने के साथ बेटी का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष निताशा राकेश सिहाग ने कहा कि निर्मला सिहाग का परिचालक के तौर पर नौकरी करने का फैसला बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता का उदाहरण है। आज हरियाणा रोडवेज में जिला में पहली महिला परिचालक के तौर पर निर्मला जो आगे आई है वह सभी महिलाओं के लिए गौरव की बात है।
सिरसा डिपो जीएम केआर कौशन ने कहा कि सिरसा बस स्टैंड डिपो में गांव खारी सुरेरा की महिला निर्मला को परिचालक लगाया है। दूसरी बेटियों को भी आगे आना चाहिए शनिवार को निर्मला ने ऐलनाबाद से सिरसा रूट पर बस में यात्रियों की टिकट काटी।