आख़िरकार लबे समय से लटका रहा पंजाब यूनिवर्सिटी के नीरजा हॉस्टल का उद्घाटन हो ही गया है। इस हॉस्टल का उद्घाटन पंजाब के राजयपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर और शहर की सांसद किरण खेर ने किया। इस मोके पर यूनिवर्सिटी के अधिकारियो के साथ साथ नीरजा भनोट के परजिन भी मौजद रहे।
महज 23 साल की छोटी-सी उम्र में कोई इतना बहादुर कैसे हो सकता है कि खुद को फना कर 360 लोगों की जिंदगी बचा जाए। जी हां बात हो रही उस शख्सियतकी जिसका हौसला हिमालय से ऊंचा और किरदार की बुलंदी ऐसी कि इंसानियत भी फक्र करे। उस किरदार का नाम है नीरजा भनोट। नीरजा भनोट के नाम पर पंजाब यूनिवर्सिटी में एक गर्ल्स हॉस्टल खुला है। यह होस्टल काफी विवादों में भी रहा है।
इस होस्टल का उद्घाटन पहले वर्ष होना था लेकिन किसी कारण वंश इस होस्टल का उद्घाटन 29 मई को हुआ है। होस्टल का उद्घाटन पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोर और शहर की एमपी किरण खेर ने किया। इस दौरान यूनिवर्सिटी के अधिकारी भी मौजूद रहे। राज्यपाल ने इन दौरान कहा कि बहुत खुशी की बात है कि एक बहादुर लड़की के नाम पर आज होस्टल का उद्घाटन किया गया है जिसने अपनी जान की परवाह ना करते हुए दुसरो के लिए एक रोल मॉडल बनी है।
वहीं इस मौके पर नीरजा के भाई का कहना है कि नीरजा के नाम से हाॅस्टल खुलना उनके लिए काफी बड़ी उपलब्धि है। एक तरफ जहां नीरजा इसी यूनिवर्सिटी में पड़ी है वहीं दूसरी तरफ उसी के नाम का हाॅस्टल बनना उनके लिए काफी खुशी की बात है। उन्होंने ने कहा कि अगर किसी भी लड़की को कोई भी परेशानी होती है तो वह निश्चित होकर उनसे सपर्क कर सकते है।
आपको बता दे कि इस होस्टल में 330 कमरे है और हॉस्टल में पहली प्राथमिकता रिसर्च स्कॉलर्स को दी जाएगी। ताकि वह अपनी पढ़ाई को निशिचत होकर कर सके। और दूसरी प्रथमिकता मेरिट के आराधित पर दी जाएगी। लेकिन दूसरे हॉस्टल की तुलना में इस हॉस्टल की फ़ीस थोड़ी ज्यादा रखी गई है। और पंजाब यूनिवर्सिटी में आने वाले नए सेशन में लड़कियों को यह हॉस्टल अलॉट हो जाएगा।
स्टूडेंट कौंसिल की सचिव वाणी सूद ने बताया कि उनकी तरफ से भी इस होस्टल की ओपनिंग के लिए प्रयास किये गए थे और अब खुशी है कि यह होस्टल खुलने जा रहा है।