हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) हरियाणा के अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (एस्मा)1956 में शामिल किया गया है। इससे ऐसे कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से उनकी नौकरी जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश की जनता के सुविधाजनक उपचार के लिए इस संबंध में सभी सिविल सर्जनस को निर्देश जारी किये गये हैं। इसके तहत एंबुलैंस, जच्चा-बच्चा, आपातकालीन तथा अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए एनएचएम के तहत सरकारी अस्पतालों में लगे कर्मचारियों पर भी आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम लागू होगा। उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखने में आया है कि एनएचएम के कर्मचारियों द्वारा हड़ताल पर जाने से अस्पतालों की आपातकालीन सेवाएं बाधित होती है, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस निर्णय से मरीजों को निर्बाध रूप से उपचार संभव हो सकेगा।
अनिल विज ने बताया कि सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए एनएचएम कर्मचारियों को भी प्रदेश में लागू किये गए सेवा नियम-2018 में शामिल किया गया है। इसके तहत यदि एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनके खिलाफ भी एस्मा नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी सिविल सर्जन को हिदायत दी है कि वे ऐसे कर्मचारियों की दैनिक हाजरी व अन्य गतिविधियां मुख्यालय में भेजेंगे और उनके स्थान पर नये कर्मचारियों की नियुक्ति कर स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चलाएंगे। इसके लिए उन्हें कार्यालय से अनुमति लेने की आवश्यकता नही होगी।