भारत की सीमाओं को तकनीकी आधारित सुरक्षा व्यवस्था से करेंगे मजबूत- राजनाथ सिंह

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केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने के लिए इजराइल की तर्ज पर इंटिग्रेटिड बॉर्डर सिक्योरिटी सिस्टम लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की 22 हजार किलोमीटर लम्बी थल व जल सीमा को तारें लगाकर सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं है, इसलिए केन्द्र सरकार ने तकनीकी आधारित सुरक्षा व्यवस्था को अपनाने का निर्णय लिया है।

राजनाथ सिंह आज जिला अम्बाला के शहजादपुर में श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी व सांसद रतन लाल कटारिया द्वारा आयोजित विकास रैली में उपस्थित विशाल जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे।

गृह मंत्री ने कहा कि चार वर्ष पहले उन्होंने नारायणगढ़ में ही लोगों से भाजपा प्रत्याशी नायब सिंह सैनी को विधायक बनाने की अपील करते हुए इस क्षेत्र में पुन: आने का वचन किया था और आज उसी वायदे के तहत वे विकास रैली में उपस्थित हुए हैं। उन्होंने श्रम एवं राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी तथा सांसद रतन लाल कटारिया द्वारा करवाए जा रहे कार्यों की भी सराहना की।

उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा राफेल सौदे के हर पहलू को सार्वजनिक करने की गैर-व्यावहारिक मांग करके देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र से जुड़े मसलों में देश की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए हर पहलू को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता और ऐसा वर्तमान सरकार में ही नहीं बल्कि पूर्व की सरकारों में भी होता रहा है। उन्होंने कहा कि देश के लिए बड़ी चुनौती बन चुके नक्सलवाद को भी केन्द्र सरकार ने मजबूती से नियंत्रित किया है और सुरक्षाबलों ने नक्सलवाद की गतिविधियों को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता झूठ बोलकर सत्ता हासिल करने का असफल प्रयास कर रहे हैं लेकिन हमारी सोच है कि सच्चाई पर आधारित राजनैतिक पार्टी ही लम्बे समय तक राजनीति में बनी रह सकती है।

उन्होंने कहा कि राजनीति का उद्देश्य सरकार बनाना नहीं होना चाहिए बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच के मुताबिक राजनीति का उद्देश्य देश बनाना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने देश के गरीब लोगों के उत्थान और भारत के विकास की राजनीति को प्राथमिकता दी है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में मोबाइल बनाने के केवल तीन कारखाने थे और वर्तमान सरकार के मात्र चार वर्ष के कार्यकाल में 100 नई फैक्ट्रियां लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अपने 60 वर्ष के कार्यकाल में कभी भी किसान और मजदूर के हितों की चिंता नहीं की।