उत्तर प्रदेश के साधु-संतों को साधने के लिए योगी सरकार बड़ा दांव चलने जा रही है. योगी सरकार पेंशन योजनाओं में साधु-संतों को शामिल करने का कदम उठाने जा रही है. वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत सूबे के सभी जिलों में प्रदेश सरकार शिविर लगाकर साधु-संतों को प्रोत्साहित करके इस योजना के दायरे में शामिल कर उन्हें लाभ देगी.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में अभी तक चल रही पेंशन योजना में साधु-संतों को इसलिए शामिल नहीं किया जाता था, क्योंकि उनके पास मूलभूत कागजात और दस्तावेज नहीं होते थे. सरकारें भी संतों को सुविधाओ को लेकर उदासीन थी. अब योगी सरकार ने हर जिले में शिविर लगा वृद्धावस्था पेंशन में छूटे हुए लोगों को शामिल करने का फैसला किया है. इसमें विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा कि साधु-संतों को भी शामिल किया जाए.
सरकार के सूत्रों का ये भी कहना है कि अभी तक साधू-संतों को सरकारी सपोर्ट न मिलने के कारण वो पेंशन योजनाओं के लिए आवेदन भी नहीं कर पाते थे. लेकिन मौजूदा सरकार ने साधु संतों को प्रोत्साहित करके इस योजना के दायरे में लाने का फैसला किया है ताकि उन्हें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके.
लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार प्रदेश की तमाम महत्वपूर्ण योजनाओं को जोर-शोर से प्रसारित करने में लगी है, जिनमें आयुष्मान उज्जवला और सौभाग्य जैसी कई योजनाएं हैं. ये योजनाएं सीधे तौर पर जनता से जुड़ी हुई हैं.
ऐसे में सरकार की इन योजनाओं का प्रसार करके ज्यादा से ज्यादा लाभ चुनाव में उठाना चाहती है. इसीलिए सरकार नए सिरे से इन योजनाओं के आवंटन शिविर लगाकर समस्याएं दूर करने और फीडबैक लेने की मुहिम चला रही है.