नगर निगम की बैठक में भिड़े कांग्रेस और भाजपा पार्षद, मेयर कालिया से मांगा इस्तीफा

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मंगलवार को नगर निगम की बैठक शुरू होते ही जमकर हंगामा हुआ। शहर में विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस और भाजपा पार्षद भिड़ गए। कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने हंगामा करते हुए कहा कि नगर निगम को बंद कर देना चाहिए। इस दौरान हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए सतीश कैंथ ने मेयर राजेश कालिया से इस्तीफा मांग लिया।

कैंथ का कहना है कि शहर में सारे काम ठप हो गए हैं ऐसे में मेयर को जवाब देना चाहिए। वहीं, मेयर राजेश कालिया का कहना है कि विकास कार्य हो रहे हैं और इस बारे में शहरवासियों को पता है। इसका जवाब कांग्रेस को 23 मई को मतगणना के बाद मिल जाएगा। मेयर ने कहा कि चुनाव के कारण सिर्फ अखबार की सुर्खियां बटोरने के लिए कांग्रेसी पार्षद हंगामा कर रहे हैं।

इससे पहले कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने कहा कि नगर निगम को बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह ना शहर की सड़कें ठीक करवा पा रहा है और ना ही पीने के पानी की किल्लत को दूर हुई है। बबला ने यह भी कहा कि जो 13 गांव नगर निगम में शामिल हुए हैं उनकी धर्मशालाओं में भी नगर निगम में ताला लगा दिया है। ऐसे में वह अपने कार्यक्रम कराने के लिए कहां जाएं। सिर्फ प्रॉपर्टी टैक्स की नोटिस भेजे जा रहे हैं। इस पर भाजपा पार्षदों ने हंगामा कर दिया।

सदन की बैठक में राजनीति होते देख कोड ऑफ कंडक्ट के अधिकारी अनिल गर्ग ने कहा कि चेतावनी दी कि चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना न की जाए। दोनों दल के पार्षद एक-दूसरे पर आरोप ना लगाएं। इस पर भाजपा पार्षद देवेश मोदगिल ने कहा कि कांग्रेस पार्षद देवेंद्र बबला ही चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन कर रहे हैं। पूर्व मेयर मोदगिल ने दावा किया कि जब मौलीजगरा में डायरिया से लोगों की मौत हुई थी, तब पवन बंसल जल संसाधन मंत्री थे लेकिन वह मौके पर एक बार भी नहीं गए। इस पर कमिश्नर केके यादव ने उन्हें सीख दी कि सदन में किसी ऐसे व्यक्ति की बात न की जाए जो चुनाव लड़ रहा है। सदन की मर्यादा का ध्यान रखा जाए और सिर्फ शहर से संबंधित विषयों और विकास पर ही बात की जाए