चंडीगढ़ ,मई 31: नगर निगम की शुक्रवार को हुई बैठक में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस पार्षद दल के नेता दविंदर सिंह बबला सदन की बैठक में ताला लेकर आए हैं। उन्होंने मेयर को ताला दिखाते हुए कहा कि अगर नगर निगम ऐसे ही चलानी है तो नगर निगम को ताला लगा देना चाहिए। उनका कहना है कि इस समय पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। ठेकेदारों को बजट ना होने के कारण भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिस कारण काम लटके हैं। उन्हाेंने आरोप लगाया कि आधे काम बीच पर छोड़कर ठेकेदार जा रहे हैं। इसका जवाब किसी अधिकारी के पास भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि डॉग बाइट के केस भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं और उनके इलाज के लिए नगर निगम के पास दवाई तक नहीं है। नगर निगम को ताला लगा कर बंद कर देना चाहिए। इससे पहले पूर्व मेयर आशा जसवाल और पूर्व मेयर राजबाला मलिक आपस में उलझ गए। वित्तीय संकट को लेकर कांग्रेस और भाजपा के पार्षदाें ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। भाजपा पार्षदों का कहना है कि कांग्रेस के कार्यकाल में ही नगर निगम की जमा पूंजी एफडी को तोड़ा गया था।
भाजपा पार्षद भरत कुमार ने कहा कि ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को तीन-तीन महीने का वेतन नहीं मिला है। अधिकारियों ने कहा कि उनके रिकॉर्ड के हिसाब से किसी भी ठेकेदार की पेमेंट नहीं रोकी गई है। इस पर भाजपा पार्षद भरत कुमार ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि रिकॉर्ड भाड़ में जाए उन्हें नहीं पता जिस पर मेयर राजेश कालिया ने भरत कुमार को सदन की मर्यादा का ख्याल रखते हुए बात रखने की नसीहत दी।