थाने में थर्ड डिग्री: नेशनल यूथ अवार्डी के कपड़े उतारे, जमीन पर लिटाकर बर्बरता से पीटा

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नेशनल यूथ अवार्डी रोहित कुमार को हल्लोमाजरा चौकी में तैनात चार पुलिसकर्मियों ने जमीन पर लिटाकर डंडों से बुरी तरह पीटा। उनकी इतनी बेदर्दी से पिटाई की गई कि वो बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। उनके अंगूठे में फ्रैक्चर, सिर, चेहरे पर सूजन और रीढ़ की हड्डी में असहनीय दर्द है।

उनके दोस्त गोबिंद के साथ भी मारपीट की गई। रोहित ने अपने दोस्त गोबिंद के साथ शनिवार की शाम परिचित दो लड़कियों की मदद के लिए पुलिस चौकी पहुंचे थे। इन लड़कियों ने अपने पिता के खिलाफ शारीरिक शोषण की शिकायत दी थी। रोहित का आरोप है कि रीड की हड्डी टूटने की बात कह वह बार-बार चिलाता रहा, लेकिन पुलिसकर्मी जानबूझकर उसी जगह हमला करते रहे।

मारपीट में गंभीर रूप से घायल युवक के शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं। रोहित ने एसएसपी कंवररीप कौर को शिकायत देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। जीएमसीएच-32 में इलाज के बाद रोहित को छुट्टी दे दी गई है। वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि रोहित बिना कपड़ों के घायल अवस्था में जमीन पर पड़े हैं। पुलिसकर्मी भी वहीं मौजूद थे।

एसएसपी कंवरदीप कौर को दी शिकायत के अनुसार, शनिवार शाम रोहित और उसके दोस्त गोबिंद अपनी दो परिचित लड़कियों की मदद करने के लिए हल्लोमाजरा पुलिस चौकी गए थे। जब वे चौकी में पहुंचे तो देखा कि दोनों लड़कियां रो रही थीं। तभी पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई करने के बजाय लड़कियों पर थप्पड़ बरसाने शुरू कर दिए। रोहित और गोबिंद ने पुलिसकर्मियों से आग्रह किया कि वे लड़कियों के साथ मानवता से पेश आएं। इसी बात पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। पीड़ित और उनके परिवार ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के लिए एसएसपी से गुहार लगाई है।

रोहित राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुके हैं। समाज सेवा के लिए उन्हें रूस ने भी सम्मानित किया है। इसके अलावा सेक्टर-17 के परेड ग्राउंड में स्टेट अवॉर्ड भी मिल चुका है। विदेश में भी भारत का नाम रोशन कर चुके हैं।

रोहित ने कोरोना में समाज सेवा का उदाहरण पेश किया था। उस दौरान सबसे पहले पीपीई किट पहनकर उन्होंने कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया था।