पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने डोर तो डोर गारबेज मुद्दे पर चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस किया

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पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने गारबेज कलेक्शन के मुकदमा CWP/25099/18 में चंडीगढ़ यूटी एडमिनिस्ट्रेशन के एडवाइजर ,होम सेक्रेट्री, डिप्टी कमिश्नर ,नगर निगम कमिश्नर, नगर निगम सहायक कमिश्नर, समेत नौ लोगों को नोटिस कर जवाब मांगा है मुकदमे की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करना होगा मुकदमे में पीटीशनर अविनाश सिंह शर्मा चेयरमैन चंडीगढ़ की आवाज एवं अन्य ने संविधान की अवमानना एवं आजाद भारत में तानाशाही करते हुए हजारों हजारों गरीबों के रोजगार छीनने का प्रयास का विरोध एवं चंडीगढ़ शहर के अंदर गरीब तबके के मध्यम तबके के उच्च तबके के ढाई लाख मकानों के ऊपर गार्बेज कलेक्शन का बोझ जो कि वाटर बिल के साथ जोड़कर लेने की बात नगर निगम कर रही थी। का विरोध करते हुए ।सिनीयर एडवोकेट ए०पी०एस० शेरगिल की मदद से पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई । एडवोकेट शेरगिल की दलीलें सुनने के बादआज न्यायालय ने मुकदमे की गंभीरता को समझते हुए नोटिस किया। चंडीगढ़ की आवाज के चेयरमैन अविनाश सिंह शर्मा ने बताया चंडीगढ़ की आवाज चंडीगढ़ की जनता की आवाज है प्रशासन की तरफ से कभी भी किसी तरह की धक्के साही तानाशाही होगी। तो हम लोग आवाज उठाते रहेंगे और हमें आशा है कि संविधान कि मदद हम लोगों को मिलते रहेगी। चंडीगढ़ की आवाज के महामंत्री कमल किशोर शर्मा जो भी मुकदमे में पीटीशनर है ने कहा कि लाखों की शहादत के बाद भारत को आजादी मिली ।और आजाद भारत में संविधान की अनदेखी कर जो तानाशाही हो रही है वह बहुत ही शर्म की बात है लेकिन आज शहीद भगत सिंह के 111 में जन्म दिवस के अवसर पर पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने जो नोटिस जारी कर देश की आजादी को बरकरार रखने का काम किया है। हमें आशा है उच्च न्यायालय से जो फैसला आएगा हजारों हजारों गरीब मजदूर एवं लाखों परिवारों के हक में फैसला आएगा |