हरियाणा सरकार आम नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर कई प्रकार की स्वास्थ्य योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। इसी तर्ज पर सरकार ने सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्ज के लिए भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू कर दी है। यह योजना कर्मचारियों व पेंशनर्ज दोनों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो रही है।
कैशलैस मैडिकल चिकित्सा सुविधा के दौरान पांच लाख रूपये तक की राशि के ईलाज का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अन्य बीमारियों के ईलाज के लिए भी कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया जाता है। इनके लिए कर्मचारी ईलाज के दो माह के अंदर मैडिकल बिलों की प्रतियां जमा करवानी अनिवार्य है। प्रत्येक जिला पर मैडिकल कैशलैस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए संबंधित मैडिकल अधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए मैडिकल अधीक्षक से सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।
हृदयाघात के रोगियों के लिए भी यह सुविधा प्रदान की गई है। इसके अलावा, ब्रेन हेमरेज तथा बिजली के शॉट से घायलों को भी कैशलैस मैडिकल चिकित्सा सुविधा का लाभ देने का निर्णय लिया गया है। यह योजना प्रदेश के सभी सरकारी मैडिकल कालेज, सहायता प्राप्त मैडिकल कालेज, जिला अस्पतालों, अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के अलावा पैनल पर रखे गए प्राइवेट अस्पतालों में लागू होगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी कर्मचारियों व पेंशनर्ज को संबंधित विभागों से पात्र पहचान पत्र बनवाना अनिवार्य है, जो चिकित्सा के दौरान प्रस्तुत किया जा सकता है।
कैशलेस मैडिकल चिकित्सा में विशेषकर सभी प्रकार की दुर्घटनाओं को शामिल किया गया है। यदि कोई कर्मचारी अचानक सडक़ व अन्य दुर्घटना में घायल हो जाता है तो उसे तत्काल पैनल अस्पताल में दाखिल करवाने पर बिना पैसे के बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी। दुर्घटना के दौरान कोमा में जाने वाले कर्मचारियों व पेंशनर्ज को भी इस सुविधा से जोड़ा गया है। इससे पूर्व इस तरह घायल होने वाले कर्मचारियों और पेंशनर्ज को अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ता था, जो उसे बाद में बिलों की पूर्ति करने पर ही मिलता था। इसके अलावा, कैंसरग्रस्त रोगियों के लिए भी यह योजना क्रियान्वित की गई है। यदि किसी कर्मचारी को कैंसर रोग हो जाता है और वह तीसरी व चौथी स्टेज पर है तो उसका ईलाज कैशलैस सुविधा के तहत होगा।
रेवाड़ी जिला में यह योजना पूर्ण रूप से क्रियान्वित कर दी गई है। यदि कोई कर्मचारी किसी भी प्रकार के टैस्ट करवाता है तो उन्हें नकद पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर पैकेज, सर्जरी, प्रोसिजर, ओर्गन ट्रांसप्लांट आदि के रेट दर्शाए गए है। निजी अस्पतालों को भी शत प्रतिशत इलाज एवं उपचार दिया जाना अनिवार्य है।