720 बसें किलोमीटर पॉलिसी के तहत हायर करके रोडवेज की तालाबंदी करने पर तुली है सरकार : शर्मा

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करनाल। हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर रखी गई रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को खुला समर्थन दिया है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा के नेतृत्व में कई संगठनों के पदाधिकारी करनाल बस स्टैंड पर सुबह पांच बजे ही पहुंच गए थे। विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार 720 बसें किलोमीटर पालिसी के तहत हायर करके रोडवेज की तालाबंदी करने पर तुली है सरकार की इस पालिसी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार द्वारा इस पालिसी को रद्द नहीं किया गया और रोडवेज कर्मचारियों के साथ किसी प्रकार की ओच्छी हरकत की तो हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित सभी यूनियनें भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस मौके पर जिला प्रधान प्रेम सिंह राणा व सचिव राकेश गौतम ने सरकार से मांग की कि सरकार वार्ता कर समस्याओं का समाधान करे। कर्मचारियों और जनता को राहत दे।

किलोमीटर स्कीम के तहत रोडवेज में 720 निजी बसें शामिल करने के विरोध में हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल आज दिनभर जारी रही। जिसके चलते यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सबह से ही बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। जब यात्रियों ने कर्मचारियों को हड़ताल पर बैठा देखा तो वह निजी वाहनों का सहारा लेने में जुट गए। लेकिन सरकारी बसें न चलने से यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। हड़ताल के कारण यात्री दिनभर इधर से उधर भटकते रहे। सबसे अधिक दिक्कत दैनिक यात्रियों और कामकाजी लोगों को हुई। कुछ जगहों पर छोटे रूटों पर निजी बसें चल रही हैं, लेकिन लंबे रूटों की बसें नहीं चलने से लोग परेशान हैं।

हरियाणा सरकार द्वारा निजी कंपनियों से किलोमीटर स्कीम पर 720 बसें हायर करना। आउट सोर्सिंग पर भर्ती करने। बिना किसी लाभ वाले मार्गों पर प्रतिदिन दो निजी परमिट जारी करने लागू की जा रही विनाशकारी नीतियों के खिलाफ तथा केंद्र के मोटर एक्ट व्हीकल एक्ट संशोधित बिल 2017 को वापस कराने, परिवहन उद्योग और इसमें कार्यरत मजदूरों के अधिकारों को बचाने, नई पेंशन स्कीम रद्द करने, कर्मशाला सहित सभी पदों पर पक्की भर्ती करने, सभी श्रेणियों की प्रमोशन कराने, बोनस की स्थाई नीति बनाने, सभी कच्चे कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन देने तथा बकाया मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल की जा रही है।