जेल से बाहर आते ही अजय चौटाला ने किया ‘रण’ का ऐलान, तेवर देख बड़े चौटाला ने भेजा दूत

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इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलाे) के विवाद में आज से नया मोड़ आ गया है। सोमवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए इनेलो के महासचिव अजय सिंह चौटाला ने रण का ऐलान कर दिया। सांसद दुष्‍यंत चौटाला अौर दिग्विजय चौटाला को इनेलो से निष्‍कासित किए जाने के बाद उनके पिता अजय सिंह चौटाला सोमवार दोपहर तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आ गए। अजय चौटाला ने कहा, मांगने से कुछ नहीं मिलता, छीनना पड़ता है। अब रण होगा आैर इनेलो किसी की बपौती नहीं है।

जेल से बाहर आने के बाद दुष्‍यंत चौटाला उनको दिल्‍ली अपने सरकारी आवास 18 जनपथ लेकर पहुंचे। वहां हजारों की संख्‍या में समर्थकों ने स्‍वागत किया। दूसरी आेर, अजय चौटाला के कड़े तेवर को देख इनेलो सुप्रीमो अोमप्रकाश चौटाला अपना एक दूत भेजा। अभय चौटाला के बड़े पुत्र कर्ण चौटाला ने अजय चौटाला से भेंट की।

इस बीच, अहम घटनाक्रम में अभय चौटाला के पुत्र कर्ण चौटाला ने नई दिल्‍ली में चाचा अजय चौटाला से मुलाकात की। माना जा रहा है कि कर्ण चाैटाला ने दादा अोमप्रकाश चौटाला के दूत के तौर पर अजय चौटाला से मुलाकात की है। चर्चा है कि कर्ण चौटाला ने चाचा अजय चौटाला को दादा का संदेश दिया। माना जा रहा है अजय के तेवर को आेमप्रकाश चौटाला ने बेहद गंभीरता से लिया है और बड़े बेटे को शांत और संयम बरतने की संदेश भिजवाया।

अजय सिंह चौटाला इनेलो के प्रदेश प्रधान महासचिव हैं। अजय चौटाला जब तिहाड़ जेल से बाहर अाए तो काफी संख्‍या में समर्थकों ने जेल के बाहर उनका स्‍वागत किया। इसका बाद सांसद पुत्र दुष्‍यंत चौटाला उनको कार से अपने सरकारी अावास उनको लेकर पहुंचे। जेल से बाहर आने के बाद अजय चौटाला अपने बेटों दुष्यंत व दिग्विजय पक्ष में खुलकर सामने आ गए।

अजय चौटाला ने समर्थकों से रूबरू होते हुए कहा, अब रण होगा और झुकने का सवाल नहीं है। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला कहते थे कि मांगने से कुछ नहीं मिलता, छीनने से मिलता है। तो अब हम भी अपना हक छीन कर लेंगे और 17 नवंबर को जींद में आयोजित कार्यकर्ता रैली में अंतिम निर्णय होगा। अजय के तेवर से साफ हो गया है कि इनेलाे तोफाड़ हो गया है और अब बस एेलान बाकी रह गया है।

शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के साथ 10 वर्ष की सजा काट रहे पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला सोमवार सुबह 14 दिन की पैरोल पर बाहर आए। वह सबसे पहले उन्होंने राजघाट के पास अपने दादा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की समाधि संघर्ष स्थल पर पहुंचे और उनको श्रद्धांजलि अर्तिप की। इसके बाद व‍ह अपने पुत्र और हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला के निवास 18 जनपथ पर पहुंचे। वहां अजय चौटाला के तेवर काफी तीखे नजर आए।

अजय चौटाला ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल किसी की बपौती नहीं है। यहां तक कि मेरे बाप की भी नहीं है। यह पार्टी आम कार्यकर्ताओं की है। उन्होंने कहा कि असली इनेलो कौन है आैर यह किसकी है, यह जींद में 17 नवंबर को होने वाली रैली में तय हो जाएगा। ऐसे में अजय चौटाला के इस वक्तव्य के बाद यह साफ हो गया है कि दुष्यंत और दिग्विजय की टीम अब प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर इनेलो पर अपना अधिकार जमा आएगी और चुनाव आयोग के समक्ष भी चश्मे के निशान पर अपना अधिकार जताने के लिए पहुंचेगी।