हाई कोर्ट के आदेश पर हड़ताल वापस लेने के बावजूद जेल में बंद कर्मचारी नेताओं को रिहा नहीं करने और हजारों रोडवेज कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। जेल में बंद कर्मचारियों के मुद्दे पर शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने गत रात्रि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। दूसरी तरफ परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि सरकार किलोमीटर स्कीम से पीछे नहीं हटेगी।
सर्व कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर भिवानी जेल में बंद नेताओं को रिहा कराने की मांग की, ताकि वह अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर दीपावली का त्योहार मना सकें। संघ के प्रधान धर्मबीर फोगाट, महासचिव सुभाष लांबा व रोडवेज तालमेल कमेटी के दलबीर किरमारा, इंद्र सिंह बधाना ने कहा कि परिवहन मंत्री 14 नवंबर से पहले रोडवेज कर्मचारियों से कोई बात नहीं करने की बात कहकर उन्हें उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 12 नवंबर को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से बैठक होनी है, इसके बावजूद परिवहन मंत्री लगातार विरोधाभाषी बयान दे रहे हैं। यह एक तरह से हाई कोर्ट की अवमानना है।
सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवा विस्तार में विभागों की मनमानी पर सरकार सख्त हो गई है। वित्त विभाग से मंजूरी लिए बगैर रिटायर्ड कर्मचारियों को एक्सटेंशन को लेकर मुख्य सचिव ने सभी महकमों को लिखित आदेश जारी किए हैं। प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों को साफ निर्देश है कि सेवा विस्तार केवल वित्त विभाग की पूर्व अनुमति या सहमति से ही दिया जाए।