सिरसा। चौटाला परिवार में चल रहा विवाद दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। अभय चौटाला और अजय चौटाला दोनों ही अपनी-अपनी दावेदारी इनेलो पर जताने में पीछे नहीं हट रहे हैं। इसी कड़ी में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए अभय चौटाला ने शुक्रवार को सिरसा स्थित अपने आवास पर प्रदेशभर के सभी इनेलो विधायक, पूर्व विधायक, 90 हल्का प्रधान भी बुलाए हैं। हालांकि अभय चौटाला इस बैठक को दावेदारी मजबूत करने से जोड़कर देखे जाने से मना कर रहे हैं।
इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि इनेलो 1 दिसंबर से एसवाईएल को लेकर अधिकार रथ यात्रा शुरू करेगी। वे कुरुक्षेत्र से रथ में सवार होकर इसकी अगुवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के सफाए के बाद ही इस रथ से उतरेंगे। इनेलो विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसदों व अन्य कार्यकारिणी के सदस्यों को बुलाए जाने पर अभय चौटाला ने कहा कि मैं इनेलो विधायकों का नेता हूं। उन्हें कभी भी बुला सकता हूं और बैठक कर सकता हूं।
ये विधायक और सांसद पहुंचे हैं बैठक में
इस बैठक में सिरसा के सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, राज्यसभा सांसद रामकुमार कश्यप, विधायक वेद नारंग, ओमप्रकाश बड़वा लोहारू, परमिंदर सिंह ढुल जुलाना, केहर सिंह रावत हथीन, जाकिर हुसैन नूहं, नसीम अहमद, मक्खन सिंगला, रविंदर बलियाला, रामचन्द्र कंबोज, रणवीर गंगवा, बलवान सिंह दौलतपुरिया मौजूद हैं। इसके साथ-साथ इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, इनेलो प्रधान महासचिव आरएस चौधरी, रामपाल माजरा, जस्सी पेटवाड़, बीडी ढालिया व जसविंद्र संधू का बेटा पहुंचा हुआ है।
गैरमौजूद विधायकों में अनूप धानक, नैना चौटाला, राजदीप फौगाट दादरी, नागेंद्र भड़ाना व पृथ्वी सिंह नरवाना शामिल हैं।
बोले- अजय चौटाला मेरे बडे भाई, हमारा कोई विवाद नहीं, विवाद की जड़ मीडिया
अभय चौटाला ने कहा कि मेरे और अजय चौटाला के बीच कोई विवाद नहीं है। अजय चौटाला तो मेरे बड़े भाई हैं। विवाद की जड़ तो मीडिया है। मैं तो अपने भाई से आज मिलने जा रहा था, उन्होंने मुझे मिलने का टाइम भी दिया था। लेकिन उन्हें कोई एमरजेंसी पड़ गई और दिल्ली जाना पड़ा, इस वजह से उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।
17 नवंबर को जींद में बैठक करेंगे अजय चौटाला, फिर लेंगे आगे का निर्णय
बता दें कि दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को इनेलो से बाहर किए जाने के बाद से पार्टी में विवाद चल रहा है। 14 दिन की पैरोल पर बाहर आए अजय चौटाला भी इनेलो पर अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने आने वाली 17 नवंबर को जींद में एक कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें बड़ा निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। इसी के चलते चौटाला परिवार के दोनों खेमों में नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने खेमों में करने की होड़ लगी हुई है।