हरियाणा सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों को कड़ा झटका दिया है। किलोमीटर स्कीम के तहत 720 निजी बसों को चलाने पर छिड़े घमासान के बीच प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि रोडवेज कर्मचारियों को हड़ताल की अवधि का वेतन नहीं मिलेगा। हरियाणा रोडवेज के कर्मचारयिों ने पिछले दिनों 18 दिनों तक हड़ताल की थी। वैसे सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले तक हड़ताली कर्मचारियों पर विभागीय और एस्मा के तहत की गई कार्रवाई को स्थगित रखा है। अब सभी की निगाहें बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई पर टिकी हैं।
वहीं, जेलों में बंद हड़ताली कर्मचारियों की प्रताड़ना और बाथरूम व टायलेट साफ कराने के आरोपों की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक जेल को निर्देश दिए गए हैं। राज्य के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन मंगलवार को रोडवेज कर्मचारियों के मुद्दे पर पत्रकारों से रूबरू हुए। इस मौके पर पंवार ने साफ किया कि किलोमीटर स्कीम के तहत चलाए जाने वाली 720 बसों के टेंडर वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। पहले चरण में जिन 49 ट्रांसपोट्र्स को 510 बसों का कांट्रेक्ट दिया था, उनमें से काफी संख्या में बसें तैयार हो चुकी हैं। पांच महीने में सभी बसें रोडवेज बेड़े में शामिल हो जाएंगी।
परिवहन मंत्री पंवार ने साफ किया कि हड़ताल के दौरान ड्यूटी करने वालों को ही पूरा वेतन दिया जाएगा। हड़ताल के दौरान कुल 453 कर्मचारियों पर केस दर्ज कराए गए हैं और इनमें से 222 को गिरफ्तार किया गया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही राज्य सरकार इन कर्मचारियों पर निर्णय लेगी।
उन्होंने बताया कि 930 परिचालकों की भर्ती मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है। अब 20 से 22 नवंबर तक युवाओं के साक्षात्कार लेकर जल्द ही नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। इसके अलावा आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत 905 परिचालकों की भर्ती प्रक्रिया भी इसी महीने पूरी हो जाएगी।
किलोमीटर स्कीम पर सरकार की दोटूक के बाद रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने हाईकोर्ट में पॉलिसी पर स्टे लगवाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। तीन दिन से चंडीगढ़ में जमे कर्मचारी नेताओं दलबीर सिंह किरमारा, हरिनारायण शर्मा, अनूप सहरावत, शरबत सिंह पूनिया सहित अन्य पदाधिकारी लगातार वकीलों से रायशुमारी करने में जुटे हैं। बुधवार को हाईकोर्ट दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद ही आगे कोई कदम उठाएगा।
हरियाणा से चंडीगढ़ आने वाली रोडवेज बसों में पांच से पंद्रह रुपये तक अधिक किराये की वसूली पर परिवहन मंत्री ने अफसरों से जवाब तलब किया है। दीपावली पर पंजाब में किराये में बढ़ोत्तरी के बाद पंजाब सीमा से गुजरती हरियाणा रोडवेज की बसों में भी गुपचुप तरीके से यह बढ़ोत्तरी लागू कर दी गई। परिवहन मंत्री ने साफ किया कि कैबिनेट की मुहर के बाद ही बसों का किराया बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने इस संबंध में परिवहन सचिव से बात की है और जल्द ही वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलेंगे।