अभय चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार कि अनदेखी का शिकार जो लोग हो रहे हैं, उनके खिलाफ एक दिसंबर से अधिकार यात्रा शुरू की जाएगी। जो कि कुरुक्षेत्र से शुरु होगी। इसमें एसवाईएल के मुद्दे को भी उठाया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें दुर्योधन और जयचंद का नाम दिया गया जो उनके लिए काफी पीड़ादायक है।
कांग्रेस का षड़यंत्र था कि पार्टी बिखर जाए, लेकिन मुझपर जो अारोप लगे वो गलत हैं। मेरा किसी से कोई वैर नहीं है। जबतक पिता और भाई जेल से नहीं लौटते सक्रिय राजनीति मेरी मजबूरी है। अभय बोले की उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई लेकिन मुझपर अारोप लगे कि मैंने कार्यकर्ताओं को जलील किया है। अभय चौटाला ने ये भी कहा कि उन्होंने कभी सीएम बनने की बात नहीं कही और न ही कभी खुद के नारे लगवाए। सीएम उम्मीदवार कौन होगा ये सिर्फ अोपी चौटाला ही तय करेंगे।
अभय चौटाला ने बिना नाम लिए कहा कि वे अजय से ज्यादा सक्रिय हरियाणा में हैं। अभय बोले कि उन्होंने नकारात्मक समय में भी चुनाव लड़ा। एेलानाबाद का उप चुनाव उस समय लड़ा जब उन्हें राजसभा में भेजा जाना था। कांग्रेस की सरकार को बने 2 महीने ही होने के बावजूद ये चुनाव उन्होंने जीता। अभय ने कहा कि ओपी चौटाला और अजय चौटाला के जेल जाने के बाद और मोदी लहर के बावजूद भी मैंने चुनाव लड़़ा।
अभय बोले की उनका किसी के साथ कोई पेंच नहीं फंसा यदि होता तो 20 साल पहले ही निपटारा हो गया होता। नेता प्रतिपक्ष ये भी बोले कि अगर कल को अोपी चौटाला अशोक अरोड़ा, रामपाल माजरा या अन्य किसी और को सीएम बनाएंगे तो वो फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत करेंगे। अभय ने ये भी साफ किया कि उन्हें पार्टी में चल रही अांतरिक कलह की मुख्य वजह का पता नहीं है और एेसा में सुलह किस बात पर की जाए। अभय ने कहा कि कुछ लोग पार्टी को तोड़ने की कौशिशें कर रहे हैं और विरोधियों की गोद में खेल रहे हैं।