हरियाणा सरकार ने एचएमटी लिमिटेड, पिंजौर (ट्रैक्टर डिवीजन) की कुल 846.43 एकड़ भूमि में से 446 एकड़ भूमि सहमति दरों पर हरियाणा राज्य औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम को सौंपने का लिया निर्णय

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Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar

हरियाणा सरकार ने एचएमटी लिमिटेड, पिंजौर (ट्रैक्टर डिवीजन) की कुल 846.43 एकड़ भूमि में से 446 एकड़ भूमि सहमति दरों पर राज्य सरकार को पुन: हस्तांतरित करने और इसकी महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर औद्योगिक सम्पदा स्थापित करने के लिए यह भूमि हरियाणा राज्य औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) को सौंपने का निर्णय लिया है।

इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

एचएसआईआईडीसी इस भूमि पर औद्योगिक भूखंडों के आवंटियों को प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं के उन्नयन और रखरखाव सहित इस सम्पदा के प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार होगा। राज्य सरकार 23 दिसंबर, 2014 को नई दिल्ली में भारत के प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव के कार्यालय में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार उच्च न्यायालय में अदालत के मामलों में जारी मुकद्दमे के संबंध में अदालत से बाहर निपटान करने के लिए एचएमटी लिमिटेड के साथ एक समझौते भी करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एचएमटी लिमिटेड पिंजौर इकाई की वर्तमान में इस्तेमाल नहीं हो रही भूमि को अक्तूबर 2016 में पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों और मुआवजे पर हरियाणा सरकार को बेचने की मंजूरी दे दी थी।

दोनों पक्षों ने 23 दिसंबर, 2017 को प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित बैठक के चर्चा के रिकॉर्ड के अनुसार उक्त विवाद को सुलझाने की इच्छा व्यक्त की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के अनुरूप, एचएमटी 446 एकड़ अप्रयुक्त भूमि का भौतिक कब्जा हरियाणा सरकार को सौंपने के लिए सहमत है जिसे राज्य सरकार द्वारा एचएसआईआईडीसी को दिया जाएगा।

एचएसआईआईडीसी द्वारा एचएमटी को सर्कल रेट के अनुसार उपयोग में लाई जानी वाली 297 एकड़ भूमि का 62.54 लाख प्रति एकड़ की दर से और शेष 149 एकड़ भूमि जिसका उपयोग नहीं किया जा सकता, के लिए सर्कल रेट के 60 प्रतिशत प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा।

एचएमटी की 33.33 एकड़ भूमि जो कि भारतीय रेलवे को चण्डीगढ़-बद्दी ब्राड गेज गेज रेलवे लाइन परियोजना के तहत दी जानी है इस चर्चाधीन 446 एकड़ भूमि का ही भाग है और एचएमटी और हरियाणा सरकार दोनों रेलवे को यह भूमि हस्तांतरित करने के लिए सैद्घांतिक तौर पर सहमत हैं भारतीय रेलवे द्वारा आवश्यक भूमि के लिए एचएमटी को मुआवजे के भुगतान की पद्धतियां भारतीय रेलवे, एचएमटी और हरियाणा सरकार के बीच पारस्परिक रूप से आपसी सहमति से निर्धारित की जाएंगी। एचएसआईआईडीसी द्वारा एचएमटी को 412.67 एकड़ शेष भूमि के लिए मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।

राज्य सरकार शेष 400.43 एकड़ भूमि एचएमटी लिमिटेड के नाम पर टाइटल दर्शाने के लिए राजस्व रिकॉर्ड को सही करने पर सहमत हो गई है। राजस्व रिकॉर्ड में टाइटल को सही करने के बाद 400.43 एकड़ भूमि का टाइटल पूर्ण रूप से एचएमटी लिमिटेड का स्वामित्व दर्शाएगा और 23 अगस्त, 1962 के उपहार डीड की शर्तों एवं टाइटल के प्रतिकूल शेष भूमि पर एचएमटी का पूर्ण स्वामित्व दर्शाने के लिए संशोधन किया जाएगा।

एचएमटी लिमिटेड के पक्ष में 400.43 एकड़ भूमि के म्यूटेशन के उपरांत, हरियाणा के सिंचाई विभाग द्वारा कौशल्या बांध के निर्माण के लिए अधिग्रहित की जा रही 4.98 एकड़ भूमि और इसी प्रकार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा एनएच -22 को चार लेन में बदलने और चौड़ा करने के लिए अधिग्रहित 12.80 एकड़ भूमि, जो जिला राजस्व विभाग के पास है, के लिए मुआवजे की अदायगी की सुविधा होगी जिस पर भूमि अभिलेखों का कुल 17.78 एकड़ हटाने के द्वारा विधिवत अद्यतन किया जाएगा ताकि एचएमटी के स्वामित्व वाली भूमि की सटीक सीमा को प्रदर्शित किया जा सके।

एचएमटी अदालतों में लंबित सभी अदालती मामलों को बिना शर्त वापिस ले लेगा और उक्त निपटान के साथ अप्रयुक्त भूमि की बहाली और एचएमटी लिमिटेड के पक्ष में म्यूटेशन को सही करने के मुद्दों का निपटान समझा जाएगा।