नगर निगम की बैठक में हंगामा; आपस में उलझे पार्षद, कैंथ को मार्शल ने बाहर निकाला

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नगर निगम की सदन की बैठक में कांग्रेसी पार्षदों के साथ भाजपा के पार्षद उलझे पड़े।सदन की बैठक में रोड विंग में जेई स्तर के कर्मचारियों के तबादलों का मामला कांग्रेस के पार्षद सतीश कैंथ ने उठाया। इसके जवाब में निगम कमिश्नर केके यादव ने कहा कि कर्मचारियों के तबादले का अधिकार उनके पास है और किसी भी कर्मचारी को उसके जूनियर पद पर नहीं लगाया गया है। 

इस मामले में बहस के बाद हंगामा शुरू हो गया। सदन में हंगामा इस कदर बढ़ गया कि मेयर राजेश कालिया और पार्षद सतीश कैंथ के बीच जमकर बहस हुई। मेयर राजेश कालिया और कैंथ ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए।इस दौरान भाजपा के पार्षदों ने कांग्रेस के पार्षद सतीश कैंथ को एक दिन के लिए सदन से बाहर करने की मांग उठाई। भाजपा पार्षद रवि शर्मा ने कहा कि सतीश कैंथ ने मेयर के पद की गरिमा नहीं रखी है और उन प बेवजह आरोप लगाए हैं। मेयर राजेश कालिया ने कांग्रेस के पार्षद सतीश कैंथ को सदन से एक दिन के लिए सस्पेंड करने का फैसला सुनाया है। बैठक के दौरान मेयर राजेश कालिया ने  मार्शल बुलाकर कैंथ को सदन से बाहर निकाल दिया।

सतीश कैंथ के समर्थन में कांग्रेस के अन्य पार्षदों ने भी सदन का बहिष्कार किया। पूर्व मेयर अरुण सूद ने कहा कि अगर सतीश कैंथ सदन से माफी मांग लें तो वह सदन में वापस आ सकते हैं। कांग्रेस पार्षद दल के नेता दविंदर सिंह बबला ने कहा कि जो आज सदन में हुआ वह अच्छा नहीं हुआ है। करीब 15 साल बाद ऐसा हुआ है कि किसी पार्षद को मार्शल बुलाकर निकाला हो।

कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने कमिश्नर से पूछा था कि जो जेई सुरेश ने मेयर राजेश कालिया के खिलाफ अपनी कोठी का निजी काम करवाने की शिकायत दी थी, उस जांच का क्या हुआ। कमिश्नर ने कहा कि इस मामले में जांच करने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा गया है। क्योंकि नगर निगम के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह अपने मेयर के खिलाफ जांच कर सके।