उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रवेश परीक्षाओं में नकल कराने वाले एक हाईटेक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने नकल कराने वाले अत्याधुनिक उपकरणों के साथ इस गिरोह के 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि नकल कराने वाले इस हाईटेक गिरोह के 11 सदस्यों को गोरखपुर से और 5 सदस्यों को इलाहाबाद से गिरफ्तार किया गया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा सोमवार और मंगलवार को होनी है. UPPSC ने कुल 41 हजार पदों पर भर्ती के लिए इस परीक्षा का आयोजन किया है. हालांकि परीक्षा से एक दिन पहले ही गिरोह का भंडाफोड़ हो गया. गोरखपुर में पकड़े गए 11 लोगों में एक एडवोकेट भी शामिल है जो सॉल्वर के तौर पर इस गिरोह में शामिल था.
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में यह परीक्षा चल रही है लखनऊ में DGP ओमप्रकाश सिंह ने खुद इस परीक्षा का जायजा लिया कांस्टेबल भर्ती लिखित परीक्षा के सेंटर पर डीजीपी पहुंचे और वहां उन्होंने परीक्षा को खुद अपनी आंखों से देखा.डीजीपी ने कहा पेपर लीक की बात सामने आई थी इसलिए मैंने खुद चेक किया परीक्षा के पेपर लीक की बात गलत है.
इलाहाबाद के SSP नितिन तिवारी ने गिरोह द्वारा नकल कराने के तरीके का वर्णन करते हुए बताया कि गिरोह का एक सदस्य खुद अभ्यर्थी बनकर एग्जाम देने बैठता. कुछ सदस्य एग्जाम हॉल में नकल करवाने वाले थे, तो कुछ नकली अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने वाले थे.इसके बाद वह क्वेश्चन पेपर मिलते ही उसकी फोटो खींचकर पेपर सॉल्व करने वाले सदस्य को भेज देता. बाहर बैठा पेपर हल करने वाला व्यक्ति स्पाई माइक के जरिए एग्जाम हॉल में बैठे अभ्यर्थियों को पेपर हल करा देता.
पुलिस द्वारा क्वेश्चन पेपर को हल करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने प्रत्येक अभ्यर्थी से नकल कराने का 5 लाख रुपये लिए हैं.
आरोपियों के पास से पुलिस ने 3 मोबाइल, दो ब्लूटूथ डिवाइस, दो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, ब्लूटूथ डिवाइस की 3 बैटरी और दो प्रवेशपत्र भी बरामद किए हैं. अभ्यर्थी इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने शरीर के अंदरूनी हिस्सों में छिपाकर और एक डिवाइस कान में लगाकर पेपर सॉल्व करते हैं.
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गैंग का सरगना देवकीनंदन, राधेश्याम पांडे और सुधीर कुमार यादव है, जो विभिन्न परीक्षाओं में अलग-अलग तरीकों से नकल कराने का ही धंधा करते हैं.