पंजाब पुलिस ने की सारी हदे पार, युवतियो को नशे की गर्त में धकेल किया घिनौना काम

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पंजाब में सरकार इन दिनों बड़े जोर शोर से पंजाब को नशामुक्त करने का अभियान चला रही है। वहीं कपूरथला में पंजाब के पहले नशा मुक्ती केंद्र ‘नवकिरण’ में अपना इलाज करवा रही दो युवतियों ने पंजाब पुलिस की घिनौनी तस्वीर सबके सामने की है। जिससे पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया है। पुलिस प्रशासन तो इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। दरअसल, यहां दाखिल युवतियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें एक डीएसपी व एसएचओ ने न केवल नशे में धकेला, बल्कि उनके साथ लगातार रेप भी किया।

25 वर्षीय युवती का ये आरोप है कि उसे नशे की गर्त में धकेलने वाला पंजाब पुलिस का डीएसपी दलजीत सिंह ढिल्लों हैं। जिसने उससे दोस्ती करके उसे नशे की आदत डाली और उसका कई बार रेप किया। युवती का यह भी कहना है कि डीएसपी को खुद भी नशे की लत थी। वहीं दूसरी युवती का कहना है कि उसे नशे की गर्त में धकेलने वाला जालंधर में तैनात एसएचओ बलबीर सिंह है, जिसमें हेड कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह भी शामिल था। ये उसे नशा देते रहे और उसका शारीरिक शोषण करते रहे। जिसकी शिकायत भी उसने उच्च अधिकारियों से की थी, लेकिन कार्रवाई सिर्फ हेड कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह पर करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया। जबकि इंस्पेक्टर बलबीर सिंह अभी भी जालंधर में तैनात है। ये दोनों युवतियां अब ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।

खास बात यह रही कि यह युवतियां जब इस बारे में कपूरथला सिविल अस्पताल में हंगामा खड़ा कर रही थीं, तो उस समय यहां हाल ही में निर्मित पंजाब के पहले नशा मुक्ति केन्द्र के उद्घाटन के लिये पंजाब के स्वास्थय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा आये थे। स्वास्थय मंत्री को इस मामले की पूरी जानकारी के बाद भी उन्होनें इस मामले से पूरी तरह से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उनके सामने किसी युवती ने ऐसे कोई आरोप नहीं लगाए हैं। हालांकि खुद मंत्री युवती से मिलकर बात करके आए थे।

आरोपों के घेरे में आए फिरोजपुर में तैनात डीएसपी दलजीत सिंह ढिल्लों का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है। युवती की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। जालंधर के थाना नई बारादारी के एसएचओ बलबीर सिंह ने युवती के आरोपों को सरासर झुठलाते हुए कहा कि इस युवती का उनके रीडर रहे हेड-कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह से मेल जोल था। बाद में इन लोगों ने शादी कर ली और कुछ समय बाद इनका वैवाहिक विवाद शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि यह युवती 2004 से नशे की आदी है। इसके परिवार की पृष्ठभूमि भी आपराधिक है, जिसका खुलासा जांच में हो जाएगा। युवती से कोई वास्ता न बताते हुए एसएचओ बलबीर सिंह ने कहा की जब हेड-कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह और युवती का विवाद शुरू हुआ तो उसकी जांच उनके पास थी। जिसमें युवती ने इंद्रजीत की मदद करने के आरोप एसएचओ पर लगाए थे, जिसे एसएचओ ने पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद बताया है।